Nepal Protest: नेपाल में युवा प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे, सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद घेरा, 9 की मौत

Aanchal Singh
Nepal Protest
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Nepal Protest: नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोमवार को युवा प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और जोरदार नारेबाजी की। कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए, जिन्हें हटाने के लिए सुरक्षा बलों ने हवाई फायरिंग की। गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गई। सिविल अस्पताल के कार्यकारी निदेशक मोहन चंद्र रेग्मी ने इसकी पुष्टि की। इसके अलावा कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर है।

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कर्फ्यू लागू, संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा

बताते चले कि, काठमांडू जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद कर्फ्यू लगा दिया है। पहले यह कर्फ्यू बनेश्वर के कुछ हिस्सों में लागू था, लेकिन अब इसे कई क्षेत्रों में बढ़ा दिया गया है। इसमें राष्ट्रपति का निवास, शीतल निवास क्षेत्र, महाराजगंज, लैंचौर में उपराष्ट्रपति का निवास, सिंह दरबार और प्रधानमंत्री का निवास शामिल हैं। मुख्य जिला अधिकारी छबिलाल रिजाल के अनुसार कर्फ्यू दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान आवाजाही, सभाएं, प्रदर्शन या घेराव सख्त वर्जित है।

सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवा आंदोलन

आपको बताते चले कि, प्रदर्शनकारी युवाओं का मुख्य मकसद सरकार द्वारा लगाए गए सोशल मीडिया बैन को हटाना है। इसके अलावा वे देश में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं। नेपाल सरकार ने पिछले शुक्रवार से फेसबुक, यूट्यूब, एक्स सहित 26 प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगा दी है, जिसके कारण यूजर्स इन साइट्स तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के नेपाल में लाखों यूजर्स हैं जो मनोरंजन, खबरें और व्यापार के लिए इन पर निर्भर हैं।

जनरेशन जेड का विरोध और राष्ट्रगान

प्रदर्शनकारी युवाओं ने राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए राष्ट्रगान गाया और सोशल मीडिया बैन व भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी शुरू की। 24 साल के छात्र युजन राजभंडारी ने कहा, “हम सोशल मीडिया बैन से आगबबूला हो गए, लेकिन यही एकमात्र वजह नहीं है। हम नेपाल में फैले संस्थागत भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं।”

युवा पीढ़ी का बदलाव का संदेश

20 साल की छात्रा इक्षमा तुमरोक ने कहा कि सरकार का सत्तावादी रवैया स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया, “हम बदलाव चाहते हैं। पिछली पीढ़ियों ने इसे सहा है, लेकिन यह हमारी पीढ़ी के साथ खत्म होना चाहिए।” युवाओं ने इस आंदोलन के जरिए न केवल सोशल मीडिया पर स्वतंत्रता की मांग की, बल्कि लोकतांत्रिक सुधार और पारदर्शिता की भी आवाज बुलंद की।

घटना का व्यापक प्रभाव

हिंसक झड़प और हवाई फायरिंग के बाद पूरे काठमांडू में तनाव का माहौल है। प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। स्थानीय प्रशासन और सरकार ने आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में लाई जाएगी और आगे किसी भी हिंसा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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