Lucknow: लखनऊ के आशियाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में 18 महीने की बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत से आक्रोशित हुए परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. हंगामा करते हुए परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने गलत इंजेक्शन दिया और लापरवाही की. परिजनों का आरोप है कि बेटी की हालत जब सीरियस होने लगी तो सटॉफ से डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा,लेकिन स्टाफ ने जवाब दिया कि डॉक्टर इतनी सुबह कहां आते हैं…बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. इसके साथ ही कार्रवाई करने की मांग की. अस्पताल प्रबंधन ने मामले की सूचना पुलिस को दी,सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत कराया.
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बच्ची को उल्टी और दस्त की शिकायत थी

बताते चले कि आशियाना के एलडीए कॉलोनी के रहने वाले अमित सोनी की 18 महीने की बच्ची सायरा सोनी की शुक्रवार को अचानक से तबियत बिगड़ गई. बच्ची को उल्टी और दस्त की शिकायत थी,जिसके चलते परिजनों ने उसे उर्मिला देवी मेमोरियल हॉस्पिटल मे भर्ती कराया. डॉक्टरों ने तबियत नॉर्मल होने की बात बताई. शुक्रवार के दिन बच्ची को इंजेक्शन दिया. लेकिन बेटी की तबीयत में सुधार नहीं हुआ. रात में वो बार-बार पानी मांगती रही. फिर शनिवार की सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ गई.
बच्ची के पिता ने क्या कहा ?
बच्ची के पिता अमित सोनी ने बताया कि बच्ची की कंडीशन काफी ज्यादा सीरियस थी. फिर भी हमें बिना दिखाए उसे अपोलो हॉस्पिटल रेफर कर दिया. अपोलो हॉस्पिटल ने बच्ची को वेंटिलेटर पर रखने के लिए हम लोगों से पैसे की मांग की. हम लोगों से डेढ़ लाख रुपए जमा करने को कहा. हमल लोगों ने पूरे पैसे जमा कर दिए तब इलाज शुरू हुआ. उसके कुछ ही घंटे के बाद डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
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अंतिम संस्कार के बाद परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा

आपको बता दे कि, परिजनों ने बच्ची का अंतिम संस्कार करने के बाद शनिवार शाम उर्मिला अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे. परिजनों के हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस मामले को शांत कराने में लगी रही लेकिन फिर भी परिजन नहीं मानें. शनिवार की देर रात पिता ने स्थानीय थाने में शिकायत दी. जिसके बाद हंगामा शांत हुआ. परिजन बच्ची की मौत को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
बच्ची की मां अस्पताल के डॉक्टरों पर लगाए ये आरोप

दरअसल, मृत बच्ची के परिजनों का कहना है कि अस्पताल वालों ने उन्हें धोखे में रखा. हमें पहले नहीं बताया गया कि वो बच्ची को नहीं बचा पाएंगे. समय से पता चलता तो हम कहीं और लेकर जाते लेकिन सभी डॉक्टर्स पहले आश्वासन देते रहे. बाद में मेरी बेटी को मार डाला. बच्ची की मां अस्पताल के डॉक्टरों पर लगातार लापरवाही का आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी इतनी सीरियस नहीं थी, वो मम्मा बोल रही थी बार-बार पानी मांग रही थी. मुझे समझ नहीं आ रहा कि डॉक्टरों ने आखिर क्या कर दिया की उसकी मौत हो गई.

आगे परिजनों ने कहा कि, अस्पताल के डॉक्टरों ने जैसे ही उसे इंजेक्शन लगाया उसी समय उसकी तबीयत बिगड़ गई. हम बार-बार बच्ची की तबीयत के बारे में पूछते रहे, लेकिन डॉक्टरों ने कहा सब कुछ ठीक है. उसके बाद अचानक से कहा कंडीशन काफी सीरियस है. मां ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब सुबह मेरे बेटी की तबियत बिगड़ने लगी तब मैं बार-बार अस्पताल के स्टॉफ से पास जाती थी, मैंने डॉक्टर से कहा बताओ की मेरी बेटी की तबीयत खराब हो रही है. उन्हें बुलाओ वो तुरंत कुछ करें, मेरी बेटी सीरियर हो रही है, पर अस्पताल के स्टॉफ ने कहा वो टाइम से आएंगे. मैम आपको भी पता है इतनी जल्दी कौन आता है.
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