हिंदू धर्म ग्रंथों में खुशहाल जीवन के लिए कुछ बातें नियम बताए गए हैं. अगर व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखता है, उसे जीवन में खुश-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. धर्म शास्त्रों में सुबह और शाम के नियम भी बहुत ही विस्तार से बताए गए हैं. शाम के समय कुछ कामों को करने से बचना चाहिए. मान्यता है कि शाम के समय इन चार कामों को करने से व्यक्ति रसातल में पहुंच सकता है.
संध्या का समय सूर्यास्त के बाद 72 मिनट और सुबह 3 बजकर 30 मिनट से 07 बजे तक संध्या काल माना जाता है. इस समय ये चार काम करने बिल्कुल शुभ नहीं माने जाते हैं. इन कामों को करने से घर में आर्थिक परेशानियां और तंगी आ सकती है. रोग हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ये चार काम कौन से हैं, जिन्हें शाम के समय करने के लिए मना किया जाता है.
भोजन न करें
जगद्गुरु हरिप्रपन्नाचार्य के अनुसार शाम के समय भोजन नहीं करना चाहिए. शाम के समय भोजन करने से ऐसा रोग हो सकता है, जो विदेश इलाज कराकर भी ठीक नहीं होता. इसलिए भूलकर शाम के समय भोजन नहीं करना चाहिए.
स्त्री और पुरुष पास न आएं
जगद्गुरु हरिप्रपन्नाचार्य के अनुसार, शाम के समय स्त्री और पुरुष को पारस्परिक सहयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि शाम के समय स्त्री और पुरुष को पारस्परिक सहयोग से जो पुत्र पैदा होता है वो बाहुबली बनता है.
सोएं नहीं
अगर शाम के समय कोई सोता है, तो माता लक्ष्मी नाराज होकर उसके घर से चली जाती हैं, जिसके बाद घर में गरीबी, आर्थिक तंगी और दरिद्रता का वास होता है. इसलिए शाम को सोना धर्म शास्त्रों में वर्जित किया गया है.
स्वाध्याय न करें
शाम के स्वाध्याय अर्थात स्वयं का अध्ययन या आत्म अध्ययन भी नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि शाम के समय ऐसा करने वाला व्यक्ति बहुत जल्दी काल के गाल में समा जाता है.
