UP ASP Transfer : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एडिशनल एसपी रैंक के 44 पीपीएस अधिकारियों का एक बड़ा तबादला आदेश जारी किया है। इस सूची में संभल के चर्चित सीओ अनुज चौधरी का भी नाम शामिल है, जिन्हें अब फिरोजाबाद में तैनात किया गया है। यह तबादला एक्सप्रेस राज्य की पुलिस प्रशासन में फेरबदल का नया अध्याय है, जिसमें कई अफसरों को प्रमोशन मिलने के बाद नई जिम्मेदारी दी गई है।
अनुज चौधरी का फिरोजाबाद ट्रांसफर
संभल हिंसा के बाद सरकार ने अनुज चौधरी पर भरोसा जताते हुए उन्हें चंदौसी सर्कल की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद उन्हें स्पोर्ट कोटे से एडिशनल एसपी के पद पर प्रमोशन भी मिला था। अब उनकी पोस्टिंग फिरोजाबाद कर दी गई है। यह तबादला प्रशासनिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।
तबादले की व्यापक सूची
मुख्यालय द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक कुल 44 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। ज्यादातर अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित किया गया है। वहीं, प्रमोशन प्राप्त अधिकारियों को नई और बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसमें नोएडा में तैनात मनीष कुमार मिश्रा को मिर्जापुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र का एडिशनल एसपी बनाया गया है, जबकि गोरखपुर में एडिशनल एसपी सुरक्षा के पद पर तैनात अनुराग सिंह को रामपुर में तैनात किया गया है।
तबादलों की पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश में समय-समय पर पुलिस अधिकारियों के तबादले प्रशासनिक सुधार और बेहतर कार्यप्रणाली के लिए किए जाते हैं। राज्य सरकार ने इन तबादलों के माध्यम से law and order को मजबूत करने और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, लंबे समय से एक ही जगह तैनात अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां देकर ताजगी और अनुशासन बनाए रखने का प्रयास किया गया है।
पहले भी हुए थे बड़े तबादले
हाल ही में राज्य में सात आईपीएस अधिकारियों के तबादले भी किए गए थे, जिसमें तीन जिलों के एसपी और एएसपी शामिल थे। यह क्रम अब आगे भी जारी है ताकि प्रदेश में पुलिस प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त बनाया जा सके।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस बड़े तबादला अभियान से पुलिस विभाग में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है। नए स्थानों पर तैनात अधिकारी बेहतर कार्य करेंगे और प्रदेश की जनता को सुरक्षा की मजबूत गारंटी देंगे। अनुज चौधरी समेत अन्य 44 अधिकारियों की नई पोस्टिंग से प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
