71st national Film Awards ‘कटहल’ बनी बेस्ट हिंदी फिल्म, शाहरुख को ‘जवान’ के लिए पहला नेशनल अवॉर्ड

Chandan Das

71st national Film Awards: 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा हो चुकी है। इस बार बेस्ट हिंदी फिल्म का सम्मान फिल्म ‘कटहल’ को दिया गया है। वहीं, कोर्टरूम ड्रामा ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ को इसके सशक्त संवादों के लिए बेस्ट डायलॉग का अवॉर्ड मिला।

शाहरुख खान को ‘जवान’ के लिए मिला करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड

35 साल के करियर में पहली बार सुपरस्टार शाहरुख खान को उनकी फिल्म ‘जवान’ के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया है। ये उनके प्रशंसकों के लिए गर्व का क्षण है, जिन्होंने लंबे समय से इस सम्मान की उम्मीद की थी।

क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों ने भी मारी बाज़ी

नेशनल अवॉर्ड्स में कई क्षेत्रीय फिल्मों को भी सम्मानित किया गया।

बेस्ट गुजराती फिल्म: वश

बेस्ट बंगाली फिल्म: डीप फ्रीज

बेस्ट असमी फिल्म: रोंगातपु

बेस्ट कन्नड़ फिल्म: कंडीलू

बेस्ट मराठी फिल्म: श्यामचि आई

बेस्ट तमिल फिल्म: पार्किंग

बेस्ट तेलुगू फिल्म: भगवंत केसरी

बेस्ट मलयालम फिल्म: उल्लुझुकु

बेस्ट पंजाबी फिल्म: गोड्डे गोड्डे चा

बेस्ट ओडिया फिल्म: पुष्कर

बेस्ट गारो फिल्म: रिमदोगितांगा

नॉन-फीचर कैटेगरी में इन फिल्मों को मिले सम्मान

बेस्ट नॉन-फीचर फिल्म: द फ्लॉवरिंग मैन (हिंदी)

बेस्ट डायरेक्टर: पीयूष ठाकुर (‘द फर्स्ट फिल्म’)

बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म: गॉड वल्चर एंड ह्यूमन (अंग्रेज़ी)

बेस्ट शॉर्ट फिल्म: गिद्ध द स्कैवेंजर (हिंदी)

बेस्ट सोशल कंसर्न फिल्म: द साइलेंट एपिडेमिक

बेस्ट म्यूजिक: द फर्स्ट फिल्म (हिंदी)

बेस्ट एडिटिंग: मूविंग फोकस (अंग्रेज़ी)

बेस्ट साउंड डिजाइन: धुंधगिरी के फूल (हिंदी)

बेस्ट सिनेमैटोग्राफी: लिटिल विंग्स (तमिल)

मिथुन चक्रवर्ती को मिलेगा 2024 का दादासाहेब फाल्के सम्मान
फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े सम्मान दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत 1969 में हुई थी। इस बार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिथुन चक्रवर्ती को उनके अमूल्य योगदान के लिए दिया जाएगा।

नेशनल अवॉर्ड का गौरवपूर्ण इतिहास

1954 में शुरू हुए नेशनल अवॉर्ड्स का उद्देश्य भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देना रहा है। पहली बार मराठी फिल्म श्यामचि आई को बेस्ट फीचर फिल्म का खिताब मिला था। तब से ये सम्मान सिनेमा के सबसे विश्वसनीय मंच के रूप में देखा जाता है।

बीते वर्षों के कुछ विवाद और आलोचनाएं भी बनीं चर्चा का विषय

65वीं अवॉर्ड सेरेमनी में राष्ट्रपति से अवॉर्ड न मिलने पर 68 विजेताओं ने समारोह का बहिष्कार किया।

किरण खेर को मिले बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड पर डबिंग विवाद उठा।

ब्लैक को बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड मिलने पर एडैप्शन विवाद सामने आया।

परजानिया, परिणीता जैसी फिल्मों के अवॉर्ड को भी पक्षपात से जोड़कर हाईकोर्ट तक मामला गया था।

71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स ने एक बार फिर यह साबित किया कि भारतीय सिनेमा विविधता, गुणवत्ता और प्रभाव में लगातार आगे बढ़ रहा है। इस बार नए चेहरों, भाषाओं और विषयों को मिला यह सम्मान सिनेमा के लोकतांत्रिक स्वरूप को और मजबूत करता है।

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