उत्तराखंड: सात दिन बाद मिली अंकिता भंडारी की डेडबॉडी
उत्तराखंड: सात दिन बाद मिली अंकिता भंडारी की डेडबॉडी
Ankita Bhandari Murder: उत्तराखंड स्थित ऋषिकेश में अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद अब कई पुराने राज फिर से खुलने लगे हैं, हालांकि पुलिस ने 24 घंटे के अंदर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, अंकिता पर गलत काम करने का दबाव था, डीजीपी ने बताया कि अंकिता भंडारी, पर पुलकित के भाई अंकित आर्य को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था, जल्द ही इस मामले में विस्तृत खुलासा किया जाएगा। बता दें कि शनिवार सुबह यानी आज पुलिस को अंकिता का शव मिल गया है, पुलिस को अंकिता की डेडबॉडी चिल्ला पावर हाउस के पास से मिली है, फिलहाल परिजनों की मौजूदगी में शव को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है, पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विधानसभा इलाके के एक प्राइवेट रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी 19 साल की थी, अंकिता बीते 18-19 सितंबर से गायब थी, पुलिस और SDRF की टीमें जिला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थीं, वंही मुख्यमंत्री के निर्देश पर रिजॉर्ट पर बुलडोजर भी चला है। आज प्रातः काल बेटी अंकिता का पार्थिव शव बरामद कर लिया गया। इस हृदय विदारक घटना से मन अत्यंत व्यथित है।
दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने हेतु पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी जी के नेतृत्व में SIT का गठन कर इस गंभीर मामले की गहराई से जांच के भी आदेश दे दिए हैं।
पुलिस ने इस मामले में बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, पुलकित आर्य ही उस रिजॉर्ट का संचालक था, जहां अंकिता काम करती थी, युवती के लापता होने के बाद से रिजॉर्ट संचालक और मैनेजर फरार हो गए थे, लेकिन अब इस मामले में पुलिस एक खुलासा हुआ है, बताया जाता है कि ऋषिकेश में जिस रिसॉर्ट में अंकिता काम करती थी, उसके पास के गांव तल्ला बनास गांव के लोगों ने पहले अवैध रिसॉर्टस की शिकायत की थी।
चिट्ठी के आधार पर बताया गया है कि अवैध रिसोर्टस के संबंध में आसपास के ग्रामिणों द्वारा पहले भी प्रशासन को लिखित शिकायतें दी गई थीं, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, ये शिकायत तल्ला बनास गांव के लोगों द्वारा लिखित रूप में किया गया था, चिट्ठी एसडीएम यमकेश्वर पौड़ी को लिखी गई थी, जिसक गांव के लोगों ने चिट्ठी लिखित थी, उसके बाद अगला गांव गंगा भोगपुर है. जहां के रिसॉर्टस में अंकिता भंडारी काम करती थी.
कब हुई थी शिकायत-
ये चिट्ठी तल्ला बनास गांव के जगमोहन सिंह के द्वारा लिखी गई थी. इन्होंने परिवारिक जमीन पर किसी रिसार्ट वालों द्वारा अवैध कब्जा करने के साथ ही सरकारी जमीन पर कब्जा करने का दावा किया था, शिकायकर्ता द्वारा चिट्ठी में सरकारी रास्ते की जमीन कब्जा करने की बात भी लिखी गई थी, जिसे प्रशासन द्वारा अवैध कब्जे से मुक्त कराए जाने की अपील की गई थी।
चिट्ठी 30 जनवरी 2021 को लिखी गई थी, शिकायतकर्ता ने चिट्ठी में पौड़ी गढ़वाल जिला मजिस्ट्रेट, राजस्व उप निरीक्षक कांडाखाल जमकेश्वर और तल्ला बनास के ग्राम प्रधान से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग रखी थी, अंकिता पर रिजॉर्ट के मालिक ने गलत करने का दबाव बनाया था लेकिन अंकिता ने इससे इनकार कर दिया जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. आसपास के लोगों का कहना है कि इस रिजॉर्ट में गलत तरह के काम होते थे, जिसके बाद अब जाकर प्रदेश सरकार की नींद खुली है।