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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर उत्तर प्रदेश में आया बड़ा फैसला

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर उत्तर प्रदेश में आया बड़ा फैसला

 बाल विकास परियोजना कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग  को आरक्षण का लाभ मिलेगा,साथ ही शासन ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण करते हुए मंगलवार को आदेश जारी किया

 

अपको बता दें कि  शासन ने जनवरी 2021 में 52 हजार पदों की भर्ती निकाली थी, उस समय ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रावधान नहीं था,वही चयन समिति भी केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार नहीं बनी थी, नतीजतन मामला कोर्ट में गया और भर्ती फंसी गई। मंगलवार को विभाग की सचिव अनामिका सिंह ने नया शासनादेश जारी किया 

 

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अपको बता दें पिछले करीब दो वर्ष से अटकी पड़ी 51 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है, सरकार ने नियुक्तियों के संबंध में पुराने सभी आदेश निरस्त करते हुए नई चयन प्रक्रिया मंगलवार को जारी कर दी, इसके साथ ही जिले में यदि कोई पुरानी चयन प्रक्रिया चल रही होगी तो उसे भी निरस्त माना जाएगा ,चयन के नए नियमों के तहत अब इंटर पास ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बन सकेंगी, अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल एवं सहायिकाओं के लिए कक्षा पांच पास हुआ करती थी

 

वही इसमें तामाम बदलाव भी किया गया है ,जैसे  एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों के साथ-साथ ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण का प्रावधान कर दिया गया है अब ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों को भर्ती में 10% आरक्षण मिल सकेगा,  इससे दो साल से अटकी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है, फिर न फंसे पेच चयन समिति में पूर्व में निर्धारित सदस्यों के साथ बाल विकास परियोजना अधिकारी को भी सदस्य  बनाया गया है, पूर्व में इन्हें शामिल नहीं किया गया था, जबकि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार चयन समिति में बीडीओ व तहसीलदार को भी शामिल किया जाना चाहिए, ऐसा न होने से एक बार फिर भर्ती में पेच फंस सकता है

 

 

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 वही बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की सचिव अनामिका सिंह ने 10 पेज की चयन प्रक्रिया जारी कर की है, इसमें न्यूनतम उम्र भी घटाकर 21 वर्ष से 18 वर्ष कर दिया गया है, अधिकतम उम्र भी 45 वर्ष से घटाकर 35 वर्ष किया गया है,  रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष ही रहेगी, हालांकि यदि कोई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मई में 62 वर्ष की उम्र पूरी करती हैं तो उन्हें अगले वर्ष 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त किया जाएगा, यानी शैक्षिक सत्र का लाभ दिया जाएगा।शासन ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण करते हुए आदेश जारी किया। शासन ने जनवरी 2021 में 52 हजार पदों की भर्ती निकाली थी, उस समय चयन प्रक्रिया में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया था, नतीजतन मामला कोर्ट में गया और अभी तक भर्ती फंसी थी।


अपको बता दें पिछली चयन प्रक्रिया में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाओं को आरक्षण की सुविधा दिए जाने के संबंध में स्थिति पूरी तरह साफ नहीं थी, किंतु नई चयन प्रक्रिया में इस बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, निवास व जाति प्रमाण पत्र तहसील से आनलाइन डिजिटल हस्ताक्षर से जारी ही मान्य होंगे।

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 वही जिला स्तर पर डीएम पूरी कराएंगे चयन प्रक्रिया आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया जिला स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा पूरी कराई जाएंगी। निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार एनआइसी से केंद्रीयकृत प्रारूप विकसित कराकर वेबसाइट पर अपलोड कराएंगे आवेदन केवल आनलाइन विभागीय वेबसाइट पर ही भरे जाएंगे


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