बाल संरक्षण आयोग ने बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की कार्रवाई को सराहा
बाल संरक्षण आयोग ने बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की कार्रवाई को सराहा
दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के चिल्ड्रन्स फाउंडेशन ने राज्य में बाल विवाह को खत्म करने और दंडित करने के लिए असम सरकार की निर्णायक कार्रवाई का बुधवार को स्वागत किया। केएससीएफ ने राज्य सरकार से बाल विवाह की पीड़िताओं को विशेष वित्तीय सहायता, कानूनी सहायता और पूर्ण पुनर्वास प्रदान करने की भी मांग की है। केएससीएफ ने एक बयान में कहा, “ असम सरकार द्वारा कार्रवाई देश के किसी भी राज्य सरकार द्वारा बच्चों की रक्षा के लिए देश के कानूनों को अक्षरशः लागू करने के लिए पहला कड़ा कदम है। ” राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने रविवार को बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की गई कार्रवाई की सराहना की। आयोग ने इसके साथ ही कहा कि राजनीतिक दलों को बच्चों से जुड़े मामलों में संवेदनशील होना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ NCPCR ने आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को उनकी 'बचकानी और मूर्खतापूर्ण टिप्पणी' के लिए फटकार लगाई। राज्य सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की सराहना करते हुए, केएससीएफ के प्रबंध निदेशक, रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) राहुल कुमार श्रावत ने कहा, “हमारा संगठन राज्य में बाल विवाह को खत्म करने और दंडित करने के लिए असम सरकार द्वारा की गई कड़ी कार्रवाई की सराहना करता है और उसका पूरा समर्थन करता है। हम यह भी अपील करते हैं कि सरकार इस स्थिति में शामिल मानवीय पहलुओं को देखे। चूंकि युवा लड़कियां बाल विवाह की शिकार हैं, हम आग्रह करते हैं कि राज्य सरकार पीड़ितों को तत्काल पुनर्वास और मुआवजा प्रदान करने के हमारे प्रस्ताव पर विचार करे, ताकि उनकी पीड़ा कम हो सके।” बयान में कहा गया है कि असम सरकार का यह दृढ़ कदम नोबेल पुरस्कार विजेता सत्यार्थी के आह्वान के अनुरूप है, जिन्होंने 16 अक्टूबर, 2022 को बाल विवाह के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा जमीनी स्तर का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था। राष्ट्रव्यापी अभियान में देश भर में दो करोड़ लोगों की भागीदारी देखी गई थी और इसका नेतृत्व 10,000 से अधिक गांवों में 75,000 से अधिक महिलाओं और बच्चों ने किया था। असम पुलिस ने 2,250 से अधिक लोगों को किया गिरफ्तार
बाल विवाह से जुड़े मामलों में असम पुलिस ने अब तक राज्य भर में 2,250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। NCPCR प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'AIUDF का यह बयान कि असम सरकार ने नियम नहीं बनाए हैं, बचकाना और मूर्खतापूर्ण है। राजनीतिक दलों को बच्चों से संबंधित मामलों में संवेदनशील होना चाहिए। बाल विवाह अधिनियम और POCSO अधिनियम केंद्रीय अधिनियम हैं। मुझे समझ नहीं आता कि लोग इसपर कैसे राजनीतिक बयानबाजी करते हैं।'