कोरोना से जुड़ी बड़ी खुशखबरी आई सामने
कोरोना से जुड़ी बड़ी खुशखबरी आई सामने
देश में जहां चारों तरफ कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। वही दूसरी तरफ कोरोना से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आ रही है। INSACOG के कहा कि “भारत में कोविड के रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट बहुत कम मिले हैं। इनमें से किसी वेरिएंट ने भी स्थानीय रूप से या बढ़ा हुआ संक्रमण नहीं दिखाया है, न ही गंभीर बीमारी का कोई मामला सामने आया है जिसमें मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ हो”। बुधवार यानि 27 अप्रैल को इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टिया (INSACOG) ने कहा कि – “जीनोम सीक्वेंसिंग विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि भारत में कोविड के रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट बहुत कम पाए गए हैं”। INSACOG ने बुधवार को प्रकाशित 18 अप्रैल के अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि, “जीनोम सीक्वेंसिंग विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि भारत में कोविड के रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट बहुत कम पाए गए हैं। अब तक किसी ने भी एक व्यक्ति से दूसरे में संचरित होने के मामले बढ़ने या गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित सूचना नहीं दी”। INSACOG ने कहा कि – “संदिग्ध रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट से संक्रमण की घटनाओं की बारीकी से निगरानी की जा रही है। नए कोविड-19 मामलों की संख्या में लगातार दूसरे सप्ताह कमी आई है, जिसमें सप्ताह के दौरान 16 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं वैश्विक कोविड मामलों में भी पिछले सप्ताह की तुलना में नई मौतों की संख्या में भी कमी आई है”। INSACOG ने कहा- “वैश्विक परिदृश्य पर दो रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट- XE और XD की दुनिया भर में बारीकी से निगरानी की जा रही है। XD, जिसमें एक डेल्टा जीनोम में शामिल एक ओमिक्रॉन S जीन है। ये मुख्य रूप से फ्रांस में पाया जाता है”। INSACOG ने कहा- “XE, BA.1 और BA.2 का रिकॉम्बिनेंट है, जिसमें BA.2 से संबंधित एस जीन सहित ज्यादातर जीनोम हैं। XE थोड़ा ज्यादा तेजी से फैलता है। XE भी BA.2 के ऊपर तेजी से बढ़ता है। हालांकि, इस खोज के लिए और पुष्टि की जरूरत है”। आपको बता दें कि INSACOG भारत में एंट्री वाली जगहों जैसे एयरपोर्ट्स पर अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के सैंपल्स की सीक्वेसिंग के माध्यम से देशभर में SARS-CoV-2 की जीनोमिक निगरानी करता है। INSACOG की मदद से 8 अप्रैल तक कुल 2,05,807 सैंपल्स की सीक्वेसिंग की गई है। वहीं अब तक कुल 2,04,697 सैंपल्स की सीक्वेसिंग का विश्लेषण किया जा चुका है।