SHARMA

यूपी में खत्म हुआ बिजली कर्मियों का हाईवोल्टेज ड्रामा, बर्खास्त कर्मचार होंगे बहाल

यूपी में खत्म हुआ बिजली कर्मियों का हाईवोल्टेज ड्रामा, बर्खास्त कर्मचार होंगे बहाल

Lucknow: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने अपने कार्य को लेकर बहिष्कार वापस लेते हुए हड़ताल खत्म कर दी है, जहां रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारी नेताओं के बीच तीसरे राउंड की बैठक में बात बनी। इसी के साथ ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने संघर्ष समिति को भी आश्वासन दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियो के खिलाफ की गई संपूर्ण कार्रवाई को वापस लिया जाएगा। इसके अलावा, 22 लोगों पर एस्मा लगाया था, 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसे भी सरकार वापस लेगी। साथ ही यह हड़ताल ऊर्जा मंत्री के आश्वासन और हाईकोर्ट के सम्मान में वापस हुई है। 

UP में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, हाईकोर्ट ने अफसरों को बिजली  व्यवस्था तत्काल सुचारू करने के दिए निर्देश - Lalluram Hindi news, हिंदी  न्यूज़ ...

24 घंटों में समाप्त गई थी 1,332 कर्मियों की सेवा  

वही शनिवार को बिजली मंत्री ए.के. शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, कि आज विभाग के 22 कर्मियों पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत प्राथमिकी की कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। इनमें से कुछ लोगों को निलंबित भी किया गया है। इसके अलावा भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले और सरकारी काम में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।

1 अप्रैल को विद्युत निगम के सभी कर्मचारी रहेंगे हड़ताल पर, दोपहर 2 बजे से  शाम 6 बजे तक विद्युत सप्लाई रहेगी बंद | All employees of Electricity  Corporation will be on strike on April 1, power supply will be closed from  2 pm to 6 pm - Dainik Bhaskar

जहां अभी तक ऐसे 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है।’’ वही बिजली मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा है, कि ‘‘पिछले 24 घंटों में संविदा पर काम करने वाले 1,332 कर्मियों की सेवा समाप्त की गई है। मैं संविदा पर काम करने वाले सभी कर्मियों से निवेदन करता हूं कि चार घंटे के अंदर, शाम छह बजे तक, अपनी डयूटी पर हाजिर हों, ऐसा नहीं होने पर उन्हें आज रात ही बर्खास्त कर दिया जाएगा।’’

23 साल बाद हो रही हड़ताल
आपको बता दे, कि इससे पहले, साल 2000 में कर्मचारियों ने बिजली विभाग के एकीकरण को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया था। अब 23 साल पर हड़ताल हो रही है। वही प्रदेश के विभिन्न जिलों में अप्रैल से पहले उपकेंद्रों के मरम्मत का काम चल रहा है। हड़ताल के चलते मरम्मत का काम प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा लोगों को नए कनेक्शन मिलने में दिक्कत हो रही है। अगर कोई उपभोक्ता अपना बिल सही कराने के लिए उपकेंद्र जाता है, तो उसको भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। साथ ही अगर कहीं फॉल्ट आता है, तो बिजली कर्मचारी उसको बनाने से इनकार भी कर सकते हैं।

UP : हड़ताली बिजली कर्मचारियों पर एक्शन शुरू, 22 पर लगा एस्मा, 1322 हुए  बर्खास्त - Samarneeti News

दरअसल, शनिवार को ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा और संघर्ष समिति के बीच काफी सकारात्मक तरीके से बात हुई, जिसमें ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति समझौते की बात लागू करने का आश्वासन दे दिया, जिसके बाद बिजली कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल खत्म करने का एलान कर दिया। बातचीत के बाद ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम तो पहले भी सकारात्मक रूप से बातचीत के लिए तैयार थे, उन्होंने बिजली कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि सभी काम पर वापस लौट जाएं। 

बता दे, कि प्रदेश में करीब एक लाख कर्मचारी हड़ताल पर थे। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से पूरे प्रदेश में बिजली आपर्ति पर असर पड़ा था, हालांकि सरकार पहले दिन से ही हड़ताली कर्मचारियों पर सख्त रही। यहां तक की सैकड़ों संविदा कर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, वहीं लापरवाह कंपनियों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया।

सोनभद्र-: 24 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप, हवा पानी के लिए तरसे लोग – Khabhar24  Live

विद्युत कर्मचारी ने लगाया आरोप 

विद्युत कर्मचारी संयुक्ता संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध कर रहे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि समिति और राज्य के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के बीच 3 दिसंबर को हुए समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया गया। जिससे उन्हें हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। “3 दिसंबर को बिजली मंत्री और संघ समिति के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। एक खंड था जिसके तहत बिजली निगम के अध्यक्ष को हमारे मुद्दों को हल करने के लिए हमारे साथ संवाद करना था। आज 16 मार्च है, लेकिन सभापति एक बार भी चर्चा करने में विफल रहे। इस प्रकार, कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर किया जाता है,” विद्युत कर्मचारी संयुक्ता संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने मीडियाकर्मियों को बताया।


Comment As: