मैं गांधी हूं सावरकर नहीं और गांधी माफी नहीं मांगते : पूर्व अध्यक्ष राहुल
मैं गांधी हूं सावरकर नहीं और गांधी माफी नहीं मांगते : पूर्व अध्यक्ष राहुल
दिल्ली : कांग्रेस के राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद कहा कि वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं और डरने वाले नहीं हैं। बताते चले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मानहानि के मामले में लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने के एक दिन बाद शनिवार को अपने किसी भी बयान के लिए माफी मांगने या खेद जताने से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा, "मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।” मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है।
गांधी किसी ने माफी नहीं मांगते। pic.twitter.com/SGJvRv9q6u
आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शनिवार को कहा कि वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं और डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी अडाणी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है।
अडानी की कंपनियों में 20 हजार करोड़ किसके हैं? pic.twitter.com/fsYKuI1isG
— Congress (@INCIndia) March 25, 2023
संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद शनिवार को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एक रिपोर्टर ने उनसे लंदन में दिए गए भाषण को लेकर सवाल पूछा तो राहुल गांधी काफी गुस्से में नजर आए। राहुल गांधी ने कहा, "असली सवाल यह है कि अडाणी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका है?" उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह फिर से सदन में अडाणी मामले पर बोलेंगे।
सवाल पूछना मैं बंद नहीं करूंगा। अडानी का नरेंद्र मोदी जी से क्या रिश्ता है? यह मैं पूछता रहूंगा।
— Congress (@INCIndia) March 25, 2023
मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं। मैं लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा। मैं किसी से नहीं डरता।
: @RahulGandhi जी pic.twitter.com/zYSTGTSiZM
गांधी ने राजधानी में कांग्रेस मुख्यालय पर विशेष रूप से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके संसद की सदस्यता से अयोग्य किए जाने की कार्रवाई या उन्हें संसद में बोलने का मौका न दिए जाने का केवल एक कारण है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उद्यमी ‘अदानी जी’ के संबंधों पर उठ रहे सवाल से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं संसद में रहूं या संसद के बाहर रहूं। मैं इस मुद्दे को उठाता रहूंगा और इससे पर्दा उठाकर ही रहूंगा।”
I've been disqualified because the Prime Minister is afraid of my next speech. They don't want me to deliver it in Parliament.
— Congress (@INCIndia) March 25, 2023
But I won't be silenced. The truth will be heard.
: @RahulGandhi ji pic.twitter.com/dLbWhn1KvE
गांधी ने गौतम अदानी के नेतृत्व वाले अदानी उद्योग समूह तथा कथित शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह पैसा अदानी का हो नहीं सकता, क्योंकि उनके कारोबार में इस स्तर की नकद कमाई नहीं होती। उन्होंने अदानी को 'भ्रष्ट' बताते हुए कहा कि यह पैसा जब भारत में ड्रोन और मिसाइल जैसे उद्योगों में लगाया गया है, तो रक्षा मंत्रालय को इसकी चिंता क्यों नहीं होती कि इसमें किसका पैसा लगा हुआ है।
कांग्रेस नेता ने यह भी संकेत दिया कि अदानी के निवेशकों में 'चीन का एक नागरिक भी' है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेता एवं विधि विशेषज्ञ अभिषेक मनु सिंघवी के साथ संवाददाताओं के सामने आए गांधी ने कहा, “मैं नरेन्द्र मोदी पर सवाल नहीं कर रहा हूं, मैं अदानी पर सवाल कर रहा हूं। आप अदानी को इसलिए बचा रहे हो, क्योंकि आप ही अदानी हो।”
सूरत की अदालत द्वारा 2019 के आपराधिक अवमानना के मामले में सजा सुनाये जाने को लेकर संवाददाताओं द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों को उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया, “कानूनी मुद्दों पर सवाल मेरी लीगल टीम से पूछे जा सकते हैं।”
मैं सच बोलता हूं, ये बात मेरे खून में है।
— Congress (@INCIndia) March 25, 2023
ये मेरे जीवन की तपस्या है और मैं यह करता जाऊंगा।
: @RahulGandhi जी pic.twitter.com/wCBeDpvldg
उल्लेखनीय है कि गांधी को सूरत के न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने गुरुवार को 2019 में आपराधिक मानहानि कारक उनके वक्तव्य को लेकर दायर मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के अंतर्गत कुसूरवार करार देते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनायी है। सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने के लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया गया है। गांधी को दो साल की कारावास की सजा सुनाये जाने के निर्णय के एक दिन बाद शुक्रवार को संसद से उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गयी।
I'm standing up for the democratic rights of the people of India, and I'm not afraid.
— Congress (@INCIndia) March 25, 2023
These people don't understand me yet.
I remain committed to asking questions about the PM's connection to Adani. Their partnership has been long-standing and close.
: @RahulGandhi ji pic.twitter.com/SfmX415Pkt
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गयी है। गांधी को ऊपरी अदालत में दोषमुक्त नहीं किया जाता या उनको दोषी करार दिये जाने के फैसले पर रोक नहीं लगती, तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं होगी और वह आठ साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य रहेंगे।