जानें श्मशान में खड़े मोदी को अटलजी का फोन क्यों आया...
जानें श्मशान में खड़े मोदी को अटलजी का फोन क्यों आया...
आज नरेंद्र दामोदर दास मोदी को प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालते हुए नौ साल पूरे हो गए। इसके पहले 13 साल तक वे गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। ऐसे में हम आपको उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से बता रहे हैं। केंद्र में मोदी सरकार (Modi Govt) के 9 साल पूरे हो गए हैं।जिसमें शुक्रवार को इस मौके पर भाजपा के नेता देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। जिसमें अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे दिग्गज नेता 9 साल की उपलब्धियों के बारे में बताएंगे। ये भी पढ़ें: नेहरू की 'छड़ी' से क्या करने वाले हैं पीएम मोदी? जानें 'राजदंड' का इतिहास इसके साथ ही भाजपा (BJP) ने एक महीने तक देशभर में एक जनसंपर्क अभियान शुरू करने की योजना भी बनाई है। इसकी शुरुआत 30 मई से होगी। सत्तारूढ़ पार्टी देश में लगभग 50 रैलियां करने की योजना बना रही है। इन रैलियों में आधा दर्जन से ज्यादा रैलियों को प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) संबोधित करेंगे। पार्टी का मानना है कि इसका फायदा आगामी लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी को 1983 में गुजरात यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री मिली है. ग्रेजुएशन उन्होंने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से किया हैं।उन्होंने आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया हैं। हाई स्कूल की परीक्षा उन्होंने गुजरात बोर्ड से 1967 में पास की थी। जन्म 17 सितंबर 1950) एक भारतीय राजनेता हैं जो मई 2014 से भारत के 14वें और वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। मोदी 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वाराणसी से सांसद हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा- कि भाजपा नीत राजग 2024 में फिर से सरकार बनाएगी और नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।7, लोक कल्याण मार्ग, पूर्व में 7, रेस कोर्स रोड, भारत के प्रधान मंत्री का आधिकारिक निवास और प्रमुख कार्यस्थल है।नरेंद्र मोदी 2022 का वेतन क्या है? भारत के प्रधान मंत्री के लिए मासिक पारिश्रमिक रुपये होगा। 1.6 लाख। नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ था। वह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ था। 2001 में वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने। 2014 में प्रधानमंत्री बने। 2019 में जब भाजपा फिर जीतकर आई और वे लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। 2001 की बात है। गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की स्वास्थ्य रूप से कमजोर होने लगे थे। तब नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय संगठन मंत्री थे। तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। अचानक अटल जी ने मोदी को फोन कर दिया। उस वक्त मोदी एक सीनियर कैमरामैन गोपाल बिष्ट के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शमशान घाट पर थे। अटल जी ने पूछा- भई कहां हो? इस पर मोदी ने जवाब दिया कि 'मैं तो श्मशान घाट पर हूं।' फिर अटलजी ने कहा, तुम श्मशान में हो तो मैं तुमसे अभी क्या बात करूं। शाम को चाय पर आओ, फिर बात करते हैं।' जब मोदी ने अटल जी से मुलाकात की तो उन्होंने मजाक में मोदी से कहा, 'दिल्ली ने तुम्हें बहुत मोटा कर दिया है। तुम्हें गुजरात वापस जाना चाहिए।' इसके बाद ही मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया। मोदी को खाने में सबसे ज्यादा खिचड़ी पसंद है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, 'जो लोग सार्वजनिक जीवन में काम करते हैं, उनका जीवन बहुत ही अनियमित होता है। इसलिए यदि कोई सार्वजनिक जीवन में सक्रिय होना चाहता है तो उसे पेट से मजबूत रहना चाहिए। 35 साल से संगठन का काम देखते हुए मुझे देशभर में भ्रमण करना पड़ा। मुझे भोजन मांगना पड़ा और जो मिला मैंने उसे खाया। मैंने कभी लोगों से अपने लिए कुछ विशेष खाने की मांग नहीं की। मुझे खिचड़ी बहुत पसंद है, लेकिन जो मिल जाता है, मैं खा लेता हूं।' बात 30 अगस्त 2016 की है। प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के जामनगर में सौनी योजना की शुरूआत करने पहुंचे थे। ये एक सिंचाई परियोजना है, जिससे सौराष्ट्र में पानी की किल्लत दूर हुई। मोदी को बांध से पानी का प्रवाह शुरू करने के लिए एक बटन दबाना था। इसी बीच उनकी नजर बांध की दूसरी तरफ गई। यहां दूरदर्शन के कुछ पत्रकार और कैमरामैन कार्यक्रम को कवर कर रहे थे। मोदी ने ये देखते ही चिल्लाते हुए हटने को कहा। जैसे ही कैमरामैन वहां से हटे, वहां तेज बहाव का पानी आ गया। जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाई तब आरएसएस के प्रचारक के तौर पर नरेंद्र मोदी ने काफी लड़ाई लड़ी। पुलिस ने उन दिनों आरएसएस नेता केशव राव देशमुख को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया। केशव राव के पास संघ के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। जिन्हें पाने के लिए मोदी ने रिस्क लिया। एक संघ के स्वयंसेवक की बहन की मदद से उन्होंने योजना बनाई और पुलिस से वो सारे दस्तावेज हासिल कर लिए। आपको बता दें,मोदी के चायवाले का बेटा होने की बात को भाजपा ने गर्व से चुनावी मुद्दा बनाया था, लेकिन इसके पीछे की कहानी भी दिलचस्प है। दरसअल, 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस का अधिवेशन हो रहे थे। इस दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम कैंडिडेट को चायवाला बताकर मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा था, "21वीं सदी में नरेंद्र मोदी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, नहीं बनेंगे, नहीं बनेंगे। यहां आकर चाय बांटना चाहें तो हम उनके लिए जगह दे सकते हैं।'' अय्यर के इस बयान के बाद भाजपा के चुनाव प्रचार की दिशा बदल गई।1. छोटे से कमरे में रहता था परिवार, चाय बेचते थे..
मोदी की परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। वडनगर रेलवे स्टेशन पर मोदी के पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी की चाय की दुकान थी। मोदी भी पिता के साथ चाय बेचते थे। छह भाई-बहनों में मोदी तीसरे नंबर पर हैं। मां हीराबेन मोदी लोगों के घरों में बर्तन साफ करती थीं। पूरा परिवार एक छोटे से घर में रहता था।
2. बचपन में शिक्षक नरिया और दोस्त एनडी कहकर बुलाते थे..नरेंद्र मोदी की शुरुआती पढ़ाई वडनगर के बीएन हाईस्कूल से हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 9वीं, 10वीं और 11वीं में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षक प्रह्लाद पटेल ने एक इंटरव्यू में पुरानी यादें ताजा की हैं। वे कहते हैं, 'मैं नरेंद्र को नरिया कहकर बुलाता था। वह क्लास में सच बोलने से कभी नहीं डरते थे। शरारती तो थे, लेकिन सभी शिक्षकों का सम्मान भी करते थे।' प्रधानमंत्री के बचपन के दोस्त जासूद भाई बताते हैं, 'बचपन में हम सारे दोस्त उन्हें एनडी कहकर बुलाते थे। जब वह मुख्यमंत्री बन गए तब भी हम लोगों की मुलाकात हुई। मैंने उन्हें एनडी कहकर बुलाया तो वह हंस पड़े।'
3. मगरमच्छ पकड़ लिया था, चोट लगी तो नौ टांके भी लगे..नरेंद्र मोदी के बचपन से जुड़ी पुस्तक 'बाल नरेंद्र' में उनके जीवन के कई रोचक किस्सों का जिक्र है। इसके मुताबिक, एक बार बचपन में मोदी तालाब से मगरमच्छ पकड़ लाए थे। मगरमच्छ पकड़ने में उन्हें चोट भी लग गई थी। पैर में नौ टांके लगवाने पड़े थे। उनकी इस शैतानी पर मां ने भी उन्हें खूब फटकार लगाई थी।
4. सेना में जाना चाहते थे..बचपन से ही प्रधानमंत्री मोदी में देशभक्ति का जज्बा था। वह बड़े होकर सेना में भर्ती होना चाहते थे। नरेंद्र मोदी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार वह बचपन में जामनगर स्थित सैनिक स्कूल में पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन पैसों के अभाव के चलते ऐसा नहीं हो सका। आठ साल की उम्र में ही मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) जॉइन कर ली थी। 1978 में वह संघ के पूर्ण प्रचारक बन गए थे।
5. बिन बुलाए शादियों में जाते थे, करते थे शैतानी..प्रधानमंत्री मोदी ने बचपन का एक किस्सा साझा किया था। इसके मुताबिक, वह कई बार बचपन में बिना बुलाए लोगों की शादियों में चलते जाते थे और दो लोगों के बीच के कपड़ों में पिन लगा देते थे। ये देख वहां खड़े लोग हंसने लगते थे।
6. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी खुद ही कपड़ों को धोते थे..7 अक्तूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। इससे पहले वे संगठन में काम करते थे। संगठन में हर किसी को अपना काम खुद से करने की आदत थी। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी मोदी ऐसा ही करते थे। यहां तक की वह अपने कपड़े भी खुद ही धोते थे।
7. होटल में रहना पसंद नहीं, बहुत कम सोते हैं..मोदी को होटल में रहना पसंद नहीं है। पीएमओ के एक अधिकारी ने उनके बारे में जानकारी दी थी। इसके मुताबिक, बहुत जरूरत पड़ने पर या फिर अगले दिन अगर उसी होटल में कोई कार्यक्रम है, तभी मोदी वहां ठहरेंगे। अमूमन वे रात में यात्रा करना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें ज्यादा सोने की आदत नहीं है। वे महज चार से पांच घंटे ही नींद लेते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी थी। मोदी ने बताया, 'मैं नियमित प्राणायाम और योग करता हूं, इसलिए मैं नींद की बजाय काम करना ज्यादा पसंद करता हूं। रोज सुबह 5 से 5:30 बजे तक उठ जाता हूं।'
8. जब अटल जी से बोले- मैं श्मशान में हूं...बताया जाता है कि तब आडवाणी मोदी के अनुभव को लेकर चिंतित थे। इसलिए उन्होंने पहले मोदी को उप-मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। इस पर मोदी ने आपत्ति जताई और एक सिरे से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर कमान देनी है तो पूरी तरह से दी जाए, नहीं तो किसी और को दे दें। हालांकि, बाद में सभी लोग मोदी की बात मान गए।
9. आठ देशों ने दिया सर्वोच्च नागरिक का सम्मान...प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी को आठ देशों ने सर्वोच्च नागरिक का सम्मान दिया है। सऊदी अरब में उन्हें अब्दुलअजीज अल सऊद का आदेश, अफगानिस्तान में गाजी का राज्य आदेश अमीर अमानुल्लाह खान, फिलिस्तीन में फिलिस्तीन राज्य का ग्रैंड कॉलर, संयुक्त अरब अमीरात का जायद का आदेश, रूस में सेंट एंड्रयू का सम्मान, मालदीव में इज्जुद्दीन के शासन का सम्मान, बहरीन में पुनर्जागरण के राजा हमद सम्मान और अमेरिका में योग्यता की विरासत से सम्मानित किया गया है।
10. अमेरिका जाकर की थी पढ़ाई...बहुत कम लोगों को पता होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका से भी पढ़ाई की है। उन्होंने वहां से मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशंस का तीन महीने का कोर्स किया है।
11. खाने में खिचड़ी पसंद है..
12. दूरदर्शन के कैमरामैन की जान बचाई...
13. लिखने का शौक...प्रधानमंत्री मोदी को बचपन से ही लिखने का शौक है। संघ में रहते हुए भी वह रोज डायरी लिखते थे। हालांकि, इन्हें 6 महीनों में जला देते थे। एक बार जब वह डायरी के पन्नों को जला रहे थे, तब उनके प्रचारक ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद से उनके विचारों का एक संग्रह हो गया।
14. पतंगबाजी और एक्टिंग पसंद..नरेंद्र मोदी को पतंगबाजी करना काफी पसंद है। गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए वह पतंगबाजी का बड़ा महोत्सव कराते थे। उन्हें एक्टिंग करना भी काफी पसंद है। वह स्कूल में पढ़ते वक्त नाटकों में हिस्सा लेते थे।
15. अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया था..2002 में गुजरात में हुए दंगों के बाद नरेंद्र मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया था। हालांकि बाद में उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद उसी अमेरिका ने उनको सम्मानित किया था। अमेरिकन राष्ट्रपति बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रम्प और अब जो बाइडेन के साथ मोदी के अच्छे रिश्ते माने जाते हैं।
16. टेक फ्रेंडली हैं मोदी..प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेक फ्रेंडली हैं। उन्हें सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना अच्छा लगता है। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी थी। बताया था कि वह सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है वो सबकुछ देखते और पढ़ते रहते हैं।
17. लता मंगेशकर का गीत पसंद है..प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें ज्यादा फिल्मों का शौक नहीं है। हालांकि वह लता मंगेशकर के गीतों को पसंद करते हैं। उनका गाया गाना, 'हो पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े...' मोदी को काफी अच्छा लगता है।
18. बच्चों से लगाव..प्रधानमंत्री का बच्चों से काफी गहरा लगाव है। वह हर रक्षाबंधन पर प्रधानमंत्री कार्यालय में बच्चियों से राखी बंधवाते हैं। इसके अलावा समय-समय पर बच्चों से सीधे संवाद के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं।
19. आतापकाल में कांग्रेस सरकार के खिलाफ लड़ाई..
20. चाय पर बयान और चुनावी मुद्दा..