जब सत्ता से बाहर थी कांग्रेस,मां के दर्शन करने पहुंची थी इंदिरा गांधी
जब सत्ता से बाहर थी कांग्रेस,मां के दर्शन करने पहुंची थी इंदिरा गांधी
- By mayuri
- 2022-10-01
Navratri Mata Darshan: साल 1977 में जब इंदिरा गांधी भारत की सत्ता से बाहर हो चुकी थी, तो कांग्रेस को फिर से कुर्सी दिलाने की तैयारी में जुटी हुई थी, तभी, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने झांसी के महाकाली मंदिर में शीश झुका कर पार्टी के चिन्ह में बदलाव किया था, जिसके बाद कांग्रेस को देश में प्रचंड बहुमत हासिल हुआ था। नवरात्रि पर झांसी के महाकाली मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, इस मंदिर को सिद्ध पीठ माना जाता है. इसी कारण से भक्तों की इस मंदिर से आस्था जुडी हुई है, यह मंदिर इतिहासिक और राजनीतिक घटनाक्रमों का भी गवाह है, इस मंदिर में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने परेशानी के समय मां काली के दर पर सिर झुकाया था, उन्होनेमां काली का आर्शीवाद प्राप्त कर भारी बहुमत से जीतकर सत्ता में जोरदार वापसी की थी, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने अपने विशेष सलाहकार के कहने पर मां काली के दरबार में दर्शन करने पहुंची थी। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस का पहले चुनाव चिन्ह गाय-बछड़ा हुआ करता था, बाद में इंदिरा गांधी ने मां काली का आर्शीवाद प्राप्त कर कांग्रेस का चुनाव चिन्ह बदल दिया था, उसके बाद से कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा किया गया था, कांग्रेस के नेता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कमलापति त्रिपाठी का इस मंदिर में आवागमन रहता था, केंद्रीय मंत्री अकसर इस मंदिर में दर्शन करने जाया करते थे, केंद्रीय मंत्री कमलापतित्रिपाठी, इंदिरा गांधी के काफी करीबी नेताओं में से एक थे, साल 1977 में जब कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई थी, देश में कांग्रेस विरोधी जबरदस्त लहर थी। ऐसे में दोबारा कांग्रेस की सत्ता में वापसी को लेकर इंदिरा गांधी बेहद परेशान थीं, कांग्रेस को इन मुश्किल हालातों से बाहर निकालने के लिए इंदिरा गांधी ने कई शक्तिपीठों की यात्रा की, और सिर झुकाये, इसी कड़ी में कमलापति त्रिपाठी के जारिए से पूर्व पीएमको झांसी की सिद्धपीठ मां भगवती के मंदिर के बारे में जानकारी हुई.. और पूर्व पीएम मां के दर्शनों के लिए 1978 में झांसी आई, मांभगवती के आशीर्वाद से कांग्रेस ने अपना चुनाव चिन्ह बदला और एक बार फिर से हुए चुनाव में प्रचण्ड बहुमत हासिल किया। दर्शन करपने के दौरान पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के अनुरोध पर मंदिर के पूजारी ने उन्हें मंदिर में एक विशेष पूजा कराने की इजाजत दी थी, पूजा करने के बाद पंडित जी ने पूर्व पीएम को कहा थी, कि मां भगवती प्रेरणा दे रहीं हैं कि आप अपना चुनाव चिन्ह बदलें. और हो सकता है कि इससे कांग्रेस में नव ऊर्जा का संचार हो ,इसके साथ ही आपकी पार्टी को नया जीवन मिले। इसके बाद इंदिरा गांधी ने पंडित जी के बताए मुताबिक मां के आशीर्वाद स्वरुप हाथ के पंजे को अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह बनाया और प्रचंड जीत हासिल की, जीत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी पूरे ताम झाम के साथ एक बार दोबारा मां काली के दर पर दर्शन करने पहुंची थीं, इस दौरान इंदिरा गांधी ने मां के चरणों में शीश झुकाकर पूजा-अर्चना की थी. अपने चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा भी मां के चरणों में चढ़ाया था।