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पेट्रोल , डीजल या सीएनजी नहीं अब गोबर से चलेगी कार

पेट्रोल , डीजल या सीएनजी नहीं अब गोबर से चलेगी कार

 दुनियाभर में ऐसा ईंधन खोजने की कोशिश हो रही है, जिससे जीरो पॉल्यूशन हो. ऐसी स्थिति में बड़ी-बड़ी कंपनियां भारतीय परंपराओं और सिद्धातों को भी देख-परख रही हैं. भारत में गाय को हमेशा से ऊंचा दर्जा दिया गया है. कहा जाता रहा है कि गाय से प्राप्त हुई एक-एक चीज उपयोगी है, जैसे कि दूध, गोबर और मूत्र. अब तकनीकी स्तर पर भी यह साबित होता नजर आ रहा है. जापान की कंपनी सुजुकी की भारतीय सब्सिडियरी कंपनी मारुति ने गाय के गोबर से चलाने वाली कार उतारने की बात कही है. सुजुकी अब ऐसी ही एक टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों के बीच क्रेज बढ़ रहा है, साथ ही इसका सकारात्मक असर EV's की बिक्री पर भी देखने को मिल रहा है. इस बार ऑटो एक्सपो में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने भी अपने इलेक्ट्रिक कार कॉन्सेप्ट Maruti eVX से पर्दा उठाया था. अब ख़बर आ रही है कि, कंपनी के फ्यूचर प्लान में 6 इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं FY2030 तक बाजार में पेश किए जाने की तैयारी है. मारुति फिलहाल 14 सीएनजी मॉडल बेचती है, जिनमें ऑल्टो, ऑल्टो के10, एस-प्रेसो, सेलेरियो, ईको, वैगनआर, स्विफ्ट, डिजायर, अर्टिगा, बलेनो, एक्सएल6, ग्रैंड विटारा, टूर एस और सुपर कैरी शामिल हैं। भारत के सीएनजी कार बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है।

Maruti : Car चलेगी गाय के गोबर से, कंपनी ने बताया प्लान | Maruti attempt to  create technology to drive cars from cow dung - Hindi Goodreturns

मारुति ने 2010 में तीन मॉडलों - ईको, ऑल्टो और वैगनआर के साथ सीएनजी कारों की बिक्री शुरू की थी। इसने अब तक 1.14 मिलियन (11,40,000) से ज्यादा यूनिट्स बेची हैं, जिससे 1.31 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन की बचत हुई है। एसएमसी ने कहा, "हालांकि हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय बाजार वित्त वर्ष 30 तक बढ़ेगा, उत्पादों से CO2 उत्सर्जन में कमी के बावजूद, हम यह भी उम्मीद करते हैं कि कुल CO2 उत्सर्जन राशि में बढ़ोतरी को रोका नहीं जा सकता है। हम बिक्री यूनिट्स को बढ़ाने और कुल CO2 उत्सर्जन को कम करने के बीच संतुलन बनाने की चुनौती देंगे।" 

 

अपको बता दें कंपनी ने कहा, "इस चुनौती से निपटने के लिए सुजुकी की अनूठी पहल बायोगैस व्यवसाय है, जिसमें गाय के गोबर से हासिल बायोगैस का उत्पादन और आपूर्ति की जाएगी, गोबर जो कि डेयरी अपशिष्ट हैं, यह मुख्य रूप से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं।" कंपनी ने कहा, यह बायोगैस इसके सीएनजी मॉडल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। 

Bio gas plant

एसएमसी ने बायोगैस के वेरिफिकेशन (सत्यापन) के लिए भारत सरकार की एजेंसी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और एशिया की सबसे बड़ी डेयरी निर्माता बनास डेयरी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। कंपनी ने Fujisan Asagiri Biomass LLC में भी निवेश किया है, जो जापान में गाय के गोबर से हासिल बायोगैस का इस्तेमाल करके बिजली पैदा करती है।एसएमसी ने कहा, "हम मानते हैं कि भारत में बायोगैस व्यवसाय न सिर्फ कार्बन न्यूट्रलिटी में योगदान देता है, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है और भारत के समाज में योगदान देता है। हम अफ्रीका, आसियान और भविष्य में जापान सहित अन्य कृषि क्षेत्रों में व्यवसाय का विस्तार करने पर भी विचार कर रहे हैं।"

 

बताया जा रहा है कि  मारुति सुजुकी की पैरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (SMC) ने भारतीय बाजार के लिए अपने प्रोडक्ट प्लान को साझा किया है. सुजुकी न केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्रदान करेगी बल्कि कार्बन न्यूट्रल ICE इंजन वाहन भी प्रदान करेगी जो सीएनजी, बायोगैस और इथेनॉल मिश्रित फ्यूल पर चलते हैं. कंपनी ने यह भी साफ किया है कि, बाजार में ब्रांड के तरफ से पहले इलेक्ट्रिक वाहन के तौर पर Maruti eVX को पेश किया जाएगा. 

 

Cng Cars:गाय के गोबर से चलेंगी सीएनजी कारें! सुजुकी ने भारत सरकार की इस  एजेंसी से किया समझौता - Suzuki Motor Corporation To Use Cow Dung To Produce  Biogas To Power Cng

दरअसल, कंपनी इस दशक के आखिर तक 15% बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV), 25% हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (HEV) और 60% हाइब्रिड पावरट्रेन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है. सुजकी कॉर्पोरेशन अलग-अलग मुल्कों के सरकारों द्वारा तय किए गए समय सीमा के अनुसार कॉर्बन न्यूट्रलिटी का लक्ष्य हासिल करने की योजना पर कात कर रही है, जिसे 2050 तक जापान-यूरोप और 2070 तक भारत में पूरा कर लिया जाएगा. 

 

गाय के गोबर से प्राप्त बायोगैस से चलेगी कार

कंपनी बायोगैस व्यवसाय पर भी ध्यान केंद्रित करेगी, जिसमें मवेशियों के गोबर से तैयार होने वाले बायोगैस का उत्पादन और आपूर्ति की जाएगी. इस बायोगैस का उपयोग सुजुकी के CNG मॉडल के लिए किया जा सकता है जो भारत में सीएनजी कार बाजार का लगभग 70% हिस्सा है. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, 10 गाय एक दिन में जितना गोबर करती है उससे तैयार बायोगैस एक कार के लिए प्रतिदिन की ड्राइव के लिए काफी है.वर्तमान में कंपनी अपने सीएनजी पोर्टफोलियो को और भी मजबूती दे रही है, हाल ही में मारुति सुजुकी ने अपने स्विफ्ट, एक्सएल6 और बलेनो जैसे मॉडलों के भी सीएनजी वेरिएंट को पेश किया था. डीजल इंजन को डिस्कंटीन्यू किए जाने के बाद कंपनी सीएनजी मॉडलों पर ज्यादा फोकस कर रही है. कंपनी ने इस बार ऑटो एक्सपो में अपनी मशहूर हैचबैक कार Maruti Wagon R के नए फ्लेक्स फ्यूल मॉडल को भी प्रदर्शित किया था.

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बता दें कि, बायोगैस का उर्जा का एक बेहतर और किफायती स्त्रोत है. भारत में मवेशियों की संख्या विश्व में सर्वाधिक है इसलिए बायोगैस के विकास की प्रचुर संभावना है. बायोगैस (मीथेन या गोबर गैस) मवेशियों के उत्सर्जन पदार्थों (गोबर) को कम ताप पर डाइजेस्टर में चलाकर माइक्रोब उत्पन्न करके प्राप्त की जाती है. बायोगैस का उत्पादन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया द्वारा किया जाता है, जिसके तहत कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया जैविक कचरे को बायोगैस में बदलते हैं. इसका मुख्य घटक हाइड्रो-कार्बन है, जो ज्वलनशील है और जिसे जलाने पर ताप और ऊर्जा मिलती है. 


सुजुकी ने बायोगैस के सत्यापन के लिए भारत सरकार की एजेंसी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और एशिया की सबसे बड़ी डेयरी निर्माता बनास डेयरी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इसके अलावा कंपनी ने जापान की फुजीसान असागिरी बायोमास एलएलसी में भी निवेश किया है. जो कि गाय के गोबर से प्राप्त बायोगैस से बिजली उत्पादन करता है. सुजुकी ने यह निवेश अक्टूबर 2022 में किया था. साल 2021 में स्थापित असागिरी बायोमास प्लांट की योजना है कि वो मार्च 2023 तक बिजली की बिक्री शुरू कर देगा. 

CNG Cars चलाना हो जाएगा और भी सस्ता, मारुति ला रही है सीएनजी कार के लिए ये  टेक्नोलॉजी - car will run on cow dung maruti suzuki will bring new  technology –

 

डवलपमेंट में होगा बड़ा योगदान

कंपनी के अनुसार इंडिया में बायोगैस न केवल कार्बन एमिशन को कम करने में योगदान देगा बल्कि आर्थिक तौर पर भी विकास को बढ़ावा देगा. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़ा योगदान होगा. कंपनी ने बताया कि इसके लिए सुजुकी ने भारत सरकार के नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड और बनास डेयरी के साथ एमओयू भी साइन किया है. साथ ही टेक्नोलॉजी के डवलपमेंट के लिए कंपनी ने जापान में गाय के गोबर से बायोगैस बना बिजली उत्पादन करने वाली कंपनी फुजिसन असागिरी बायोमास में भी निवेश किया है और उनके साथ मिल कर टेक्नोलॉजी को बनाने पर काम चल रहा है.

 


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