गणतंत्र दिवस से जुड़ा है, आजादी का संग्राम...
गणतंत्र दिवस से जुड़ा है, आजादी का संग्राम...
Republicday News: गणतंत्र दिवस को लेकर देशभर में कई सारी तैयारियां चल रही हैं, जिसमें कहीं पर परेड को लेकर तैयारियां चल रही हैं तो कहीं परेड के साथ- साथ सरकार के बड़े ऐलानों को लेकर चल रही है। ऐसे में कभी आपने सोचा कि गणतंत्र दिवस कैसे और क्यों मनाया जाता हैं। तो आइये जानते है गणतंत्र दिवस कैसे और क्यों मनाया जाता है। आपको बता दे कि गणतंत्र दिवस देश के एकजुट होने के साथ -साथ देश में कानून स्थापित करने के लिए मनाया जाता हैं। बता दें कि भारत के संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा में पेश किया गया। जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गयी थी, क्योंकि 26 जनवरी 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत वासियों के मन में आजादी की फूंक डाली थी। इसलिए उसी दिन से गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाने लगा। अमर सपूतों को देते हैं श्रद्धांजलि... इसी के साथ साथ आपको बताते चलें आप हर साल गणतंत्र दिवस मनाते हैं लेकिन क्या कभी आपने इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की कि क्यों मनाया जाता है। अब जवाब में अधिकतर लोग यह सोच रहे होंगे कि आज के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, लेकिन आज हम आपको इतिहास की वो कड़ी के बारे में बताएंगे जो कि कुछ लोगों को ही पता होगी। जाने इतिहास की कड़ी... आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस मनाने की होड़ भारतीयों के जेहन में 26 जनवरी 1930 ईसवी की रात को ही शुरु हो गयी थी जब कुछ भारतीयों ने अंग्रेजों से भारत छोड़ो और अपनी आजादी के लिए आवाज उठाई थी। जिसके बाद सन् 1930 से लेकर सन 1949 तक यह दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इतना पढ़ने के इतना जानने के बाद आपकी मन में यह सवाल होगा कि 26 जनवरी को तो हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं फिर मैंने स्वतंत्रता दिवस क्यों कहा। तो अब हम चलते हैं 1930 के इतिहास में जहां आपको अपने सवालों के जवाब मिलेंगें। वहीं देश की आजादी के लिए आवाज उठाने वाले भारतीयों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, जिसमें कुछ भारतीयों को जेल जाना पड़ा तू कुछ लोगों को देश की आजादी के लिए बलिदान देना पड़ा, लेकिन फिर भी यह आजादी की आवाज नहीं दबी, क्योंकि तब तक यह आवाज हर भारतीयों के दिल में घर कर गई थी और जिसके बाद आजादी के लिए संग्राम हुआ जिसमें हमें आजादी मिली। जिसको करीब 2 साल बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को पेश किया। जिसके बाद सरकार द्वारा एक मीटिंग की गई जिसमें यह निर्णय लिया गया, कि अगले 26 जनवरी 1950 संविधान लागू किया जाएगा। तब से लेकर आज तक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है।
बता दे कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश भर में कई तरह की तैयारियां शुरू हो जाती हैं, जिनको लेकर हर इंसान हर के हृदय में उत्साह होता है, और आज के दिन हर भारतवासी में अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाह होती है, और आज के दिन पूरे देश में झंडा फहरा कर देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को नमन किया जाता है।
बता दे कि यह रात 14 अगस्त 1947 में दिल्ली की रात थी जहां लगातार बारिश हो रही थी, और बारिश में बैठे कई घंटों से भारतीय आजादी के ऐलान का इंतजार कर रहे थे तभी ठीक रात के 12:00 बजे देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ऐलान किया, कि अब हमारा भारत पूर्ण रूप से आजाद है। इसके बाद स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाने लगा, लेकिन भारत आजाद हो गया मगर इस को चलाने के लिए अच्छी व्यवस्था रखने के लिए इसके संविधान बनाना भी जरूरी था।