सपा नेता

जीभ काटने वाले संत भी आंतकवादी: सपा नेता

जीभ काटने वाले संत भी आंतकवादी: सपा नेता

Lucknow: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य आजकल चर्चा में है। जिसकी वजह रामचरितमानस जैसे पवित्र ग्रंथ पर ओछी प्रतिक्रिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद से ही प्रदेश भर में उनका विरोध शुरू हो गया, यहां तक कि लखनऊ के लेटे हमारे मंदिर में स्वामी प्रसाद मौर्य का प्रवेश वर्जित कर दिया है, इसके अलावा संत समाज के कुछ लोगों ने उनके ऊपर तीखी प्रतिक्रिया भी की है।

स्वामी के जीभ काटने पर 51000 की राशि: 

असल मे बीते 24 जनवरी को अखिल भारत हिन्दू महासभा के एक नेता ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटने पर 51 हजार रुपये की इनामी राशि देने की घोषणा करी थी, जिसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि "मेरे खिलाफ मेरे एक बयान पर कुछ लोगों ने मेरी जीभ काटने पर 51000 रुपये का इनाम रखा हुआ है, अगर यही बात किसी दूसरे के द्वारा कही गयी होती तो यह धर्म के ठेकेदार उसे आतंकवादी घोषित कर देते लेकिन अब इन संत,महात्मा, धर्माचार्यो को क्या कहा जाए?

अखिलेश यादव भी चुप: 

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अभी तक इस मामले में चुप्पी साध रखी है, वही सपा के दूसरे नेता और प्रवक्ता ने स्वामी के बयान को निजी बयान बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया हैं। वही भाजपा लगातार स्वामी के बयान पर स्वामी और सपा प्रमुख को घेर रहे हैं।


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