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राज्यपाल ने जनपद वाराणसी के आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु सामग्री किट वितरित की...

राज्यपाल ने जनपद वाराणसी के आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु सामग्री किट वितरित की...

उच्च शिक्षा प्रतिशत को बढ़ाने की दिशा में सार्थक प्रयास हो, जन्म के एक घंटे के अन्दर नवजात शिशुओं  को मिले माँ का दूध। 

प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु चलाये जा रहे। अभियान के क्रम में आज वाराणसी के विकासखंड सेवापुरी पर आयोजित कार्यक्रम में 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को एसबीआई लखनऊ मंडल द्वारा प्रदत्त सामग्री किट का वितरण किया । उन्होंने एक अन्य कार्यक्रम में वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा विकासखंड आराजी लाइन के ग्राम हरसोस तथा विकास खंड काशी विद्यापीठ के ग्राम अलाउद्दीनपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों ( नंद घर ) पर सामग्री किट तथा स्मार्ट टेबलेट का वितरण भी किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा  कि इस प्रकार के सामग्री वितरण से आंगनबाड़ी केंद्रों को और कुशल बनाया जाएगा जिससे बच्चों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। बच्चों को मनोरंजन के अधिक अवसर मिलेंगे जिससे उनके खेलने, सीखने तथा शारीरिक क्षमता का अधिक विकास हो सकेगा।

राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति पर बात रखते हुए कहा, कि अगर हमको विश्वविद्यालयों तक पहुंचना है, तो हमें आंगनबाड़ी केंद्रों की तरफ देखना ही होगा। 3 से 6 वर्ष की उम्र बच्चों के सीखने, उनके विकास की उम्र होती, आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुधार करके हम बच्चों को कुपोषण से दूर कर सकते, उनको स्वस्थ बना सकते तभी हम एक मजबूत भारत का निर्माण कर सकते। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों पर अच्छा खाना व पोषण युक्त आहार की बात कही।

राज्यपाल जी ने प्रधानमंत्री के द्वारा मोटे अनाज को दिए गए नाम 'श्री अन्न' की भी चर्चा उन्होंने कार्यक्रम में की।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से 2023 को पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय मिलेटस वर्ष के रूप में मना रहा जिससे मोटे अनाजों के उपजाने का प्रचलन बढ़ा है तथा विश्व में मोटे अनाज की मांग बढ़ी है इसका सीधा फायदा हमारे किसानों को होगा। मोटे अनाज के उपयोग से बच्चों में कुपोषण दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में भी मोटे अनाज के उपयोग को बढावा देने को कहा । उन्होंने आंगनबाड़ी समूह को एक परिवार बताते हुए कहा कि आप सभी  बच्चों को मेहनत से पढ़ाएं और सिखाएँ।उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र पर पोषण वाटिका का अवलोकन भी किया।

राजपाल जी  ने विकास खंड आराजीलाइन के हरसोस गांव के आंगनबाड़ी केंद्र तथा काशी विद्यापीठ के अलाउद्दीनपुर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र जिनको कि नंद घर में बदला गया है पर वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा आयोजित  न्यूट्री बार, सामग्री किट तथा टेबलेट वितरण कार्यक्रम के क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात रखते हुए कहा कि वर्तमान में उच्च शिक्षा में हमारा प्रतिशत 23% है जिसको की बढ़ाकर 2030 तक हमें 50% करना है इसलिए हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि आंगनबाड़ी केंद्र के बाद बच्चे का प्रवेश कक्षा 1 में सुनिश्चित हो सके तथा कक्षा 12 के बाद बच्चे का प्रवेश विश्वविद्यालय में हो सके तभी हम इस आंकड़े को प्राप्त कर सकते।

इसी क्रम में  राज्यपाल जी ने संस्थागत प्रसव शाट प्रतिशत कराने की बात भी रखी गयी जिसमें उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे देश में 86% ही प्रसव अस्पतालों में होते हैं। बाकी बचे 14% प्रसव भी अस्पतालों में सुनिश्चित हो सके इस दिशा में भी कार्य किए जाने की जरूरत है ताकि कोई भी प्रसव घर पर न हो। उन्होंने बच्चों में जन्म के तुरंत बाद स्तनपान पर बात रखते हुए कहा कि जन्म के एक घंटे के अन्दर नवजात शिशुओं  को माँ का दूध पिलाना चाहिए। अभी केवल 24%बच्चे ही जन्म के एक घण्टे बाद माँ का दुध पीते हैं। हमें इसे भी बढ़ाने की जरूरत है ताकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके।
इस अवसर पर जनपद के सभी वरिष्ठ एवं सम्बंधित अधिकारी ,स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं स्थानीय जन उपस्थित थे। 

 


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