टीपू सुल्तान की तलवार ने तोड़ नीलामी के रिकॉर्ड...
टीपू सुल्तान की तलवार ने तोड़ नीलामी के रिकॉर्ड...
18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की तलवार ने लंदन में नीलामीकर्ता बोनहम्स के लिए भारतीय वस्तुओं की नीलामी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ‘इस्लामी एवं भारतीय कला’ की इस सप्ताह हुई नीलामी में यह 1.4 करोड़ पौंड (जीबीपी) यानी 143 करोड़ रुपये से ज्यादा में। Tipu Sultan's Sword: मैसूर के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की तलवार लंदन में हुई नीलामी में 1.4 करोड़ पाउंड (140 करोड़ रुपये) में बिकी है। नीलामी का आयोजन करने वाले नीलामी घर बोनहम्स ने कहा कि कीमत अनुमान से सात गुना अधिक है। बोनहम्स ने कहा कि शासक के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव की वजह से यह तलवार सबसे महत्वपूर्ण हथियार थी। टीपू सुल्तान ने 18वीं शताब्दी के अंत के युद्धों में ख्याति प्राप्त की थी। उन्होंने 1775 और 1779 के बीच कई मौकों पर मराठों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। टीपू सुल्तान की तलवार की नीलामी... तलवार का इतिहास... मुगलों ने जर्मन ब्लेड से प्रेरित होकर बनाई थी टीपू की तलवार... हमले में हो गई थी टीपू सुल्तान की मौत? फोन पर लगी बोली... चीन के आखिरी राजा की घड़ी 51 करोड़ में बिकी... टीपू सुल्तान की तलवार के अलावा एक दूसरी नीलामी में चीन के आखिरी राजा एसिन गिओरो पुई की घड़ी भी बेची गई है। इसे 51 करोड़ रुपए में खरीदा गया। रिपोर्ट में बताया गया कि इसे खरीदने वाला एशियाई मूल का व्यक्ति है, जो फोन के जरिए जुड़ा हुआ था। घड़ी के बारे में कहा जाता है कि इसे पुई ने अपने रूसी दुभाषिए को गिफ्ट किया था। जिसे बाद में रूस में कैद कर लिया गया था। ये अब तक बिकी किसी भी राजा की सबसे महंगी घड़ी है। इससे पहले 2017 में वियतनाम के राजा बाओ दाई की घड़ी 41 करोड़ रुपए में बिकी थी।
वर्ष 1782 से 1799 तक शासन करने वाले टीपू सुल्तान की तलवार को ‘सुखेला’- सत्ता का प्रतीक कहा जाता है। तलवान स्टील की है और इस पर सोने से बेहतरीन नक्काशी की गई है। यह टीपू सुल्तान के निजी कक्ष में मिली थी और ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमले में उनके साहस और आचरण के प्रति अपने उच्च सम्मान के प्रतीक के तौर पर जनरल डेविड बेयर्ड को भेंट की गयी थाी।
यह तलवार टीपू सुल्तान के निजी कक्ष में मिली थी और ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमले में उनके साहस और आचरण के प्रति अपने उच्च सम्मान के प्रतीक के तौर पर जनरल डेविड बेयर्ड को भेंट की गई थी। इस हमले में टीपू सुल्तान की मौत हो गई थी।
मुगलों के हथियार बनाने वालों ने टीपू की तलवार जर्मन ब्लेड देखकर बनाई थी। इसे 16वीं सदी में भारत भेजा गया था। तलवार के हैंडल पर सोने से शब्दों को उकेरा गया है। इसमें भगवान की पांच क्वालिटी बताई गई हैं। ऑक्शन हाउस के निमा साघार्ची ने बताया कि नीलामी के दौरान तलवार खरीदने के लिए लोगों के बीच काफी कॉम्पिटिशन देखने को मिला।
इस हमले में टीपू सुल्तान की मौत हो गई थी, जिन्हें ‘टाइगर ऑफ मैसूर’ के नाम से जाना जाता है। यह हमला मई 1799 में हुआ था। बोनहम्स के इस्लामी और भारतीय कला के प्रमुख और नीलामकर्ता ओलिवर व्हाइट ने मंगलवार को बिक्री से पहले एक बयान में कहा था कि यह शानदार तलवार टीपू सुल्तान से जुड़े उन सभी हथियारों में सबसे बेहतरीन है, जो आज भी निजी हाथों में है।
उनकी मानें तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी कि कमरे में फोन पर दो लोगों ने इसके लिए बोली लगाई और कहीं और से बोली लगाने वाले के बीच इतनी।