Hamirpur News: हमीरपुर के सुभाष बाजार में बुधवार देर रात दीपावली के त्योहार पर सजाई गई झालर से हुए शॉर्टसर्किट ने भीषण अग्निकांड को जन्म दे दिया। रामकिशोर एंड सन्स नाम की थोक किराना दुकान में अचानक लगी आग ने देखते ही देखते पूरे तीन मंजिला भवन को चपेट में ले लिया। इस इमारत में नीचे के हिस्से में एक ओर किराना और दूसरी ओर “मनीष गारमेंट्स” नाम की रेडीमेड कपड़ों की दुकान है। मनीष गारमेंट्स का पहला तल शोरूम के रूप में और दूसरा तल गोदाम के तौर पर इस्तेमाल होता था। आग इतनी तेजी से फैली कि दोनों ऊपरी फ्लोर में रखा सारा सामान—किराना, मसाला, कपड़े—जलकर राख हो गया।
त्योहार के लिए भरा था माल, करोड़ों का नुकसान

बताते चले कि, त्योहार को देखते हुए दुकानदारों ने भारी मात्रा में माल स्टोर किया था। सोनू और मोनू गुप्ता द्वारा संचालित थोक किराना स्टोर और उनके भाई मनीष गुप्ता की रेडीमेड दुकान में करोड़ों का माल जमा था। बताया जा रहा है कि आग का कारण किराना दुकान में लगी झालर से हुआ शॉर्टसर्किट था, जिसने पूरे भवन को अपनी चपेट में ले लिया।
चौकीदारों की सतर्कता से मिली सूचना
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, रात करीब दो बजे के आसपास बाजार में तैनात चौकीदारों ने दुकान से धुआं निकलते देखा और तत्काल दुकान मालिकों को सूचना दी। सोनू और मोनू गुप्ता जब मौके पर पहुंचे तब तक आग भीषण रूप ले चुकी थी।
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फायर ब्रिगेड की 9 गाड़ियों ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की सूचना मिलते ही नगर की दमकल टीम मौके पर पहुंच गई, लेकिन आग की भयावहता को देखते हुए भरुआसुमेरपुर, राठ, मौदहा और नेयवेली पावर प्लांट से भी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गईं। कुल नौ गाड़ियों ने रात ढाई बजे से सुबह सात बजे तक आग बुझाने का काम किया। नेयवेली से सीआईएसएफ की टीम भी दो गाड़ियों के साथ मदद में जुटी।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
आग की सूचना पर दुकान मालिकों के स्वजन मौके पर पहुंचे तो जलती हुई दुकान को देखकर उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। आसपास के लोग भी आग बुझाने में सक्रिय रूप से शामिल रहे। प्रशासन की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार इस अग्निकांड में करीब दो करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान की संभावना जताई गई है। राहत और मुआवजे को लेकर अधिकारी मौके पर जांच कर रहे हैं।
त्योहारी सीजन में सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर त्योहारों में बिजली की सजावट से जुड़ी सुरक्षा तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और व्यापार मंडल से अब यह अपेक्षा की जा रही है कि बाजारों में फायर सेफ्टी के कड़े इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
