Jhansi Medical College में मातम का मंजर! मेरा बच्चा कहां है? अंदर तड़पते रहे बच्चे, अस्पताल में गूंजी माता-पिता की चीख-पुकार

अस्पताल के एनआईसीयू (नवजात शिशु सघन चिकित्सा इकाई) में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. यह हादसा शार्ट सर्किट के कारण हुआ, जिसमें वार्ड में मौजूद 47 बच्चों में से 37 को बचा लिया गया. इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.

Aanchal Singh
झांसी अग्निकांड

Jhansi Medical College Fire Incident: उत्तर प्रदेश के झांसी (Jhansi) स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (Maharani Laxmibai Medical College) में शुक्रवार रात एक दर्दनाक हादसा हो गया. इस हादसे की जिस किसी को भी खबर लगी हर किसी की रुह कांप उठी. अस्पताल के एनआईसीयू (Neonatal Intensive Care Unit) में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. यह हादसा शार्ट सर्किट के कारण हुआ, जिसमें वार्ड में मौजूद 47 बच्चों में से 37 को बचा लिया गया. इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.

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रेस्क्यू ऑपरेशन में 37 बच्चे बचाए गए

रेस्क्यू ऑपरेशन में 37 बच्चे बचाए गए

बताते चले कि ये हादसा शुक्रवार रात साढ़े 10 बजे से 10:45 बजे के बीच हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक वार्ड में धुआं फैल गया और आग ने तेजी से पूरे एनआईसीयू को अपनी चपेट में ले लिया. मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि शार्ट सर्किट के कारण आग लगी. वार्ड में भर्ती 47 बच्चों में से 10 की मौत हो गई, जबकि 37 बच्चों को समय रहते बचा लिया गया. बचाए गए बच्चों को अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिक्रिया

मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिक्रिया

इस घटना पर लगातार राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे को हृदयविदारक बताया और मृतक बच्चों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले की जांच कर लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए.समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हादसे को प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को चिकित्सा प्रबंधन और ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए.बहुजन समाज पार्टी ने भी दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की.

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सवालों के घेरे में चिकित्सा प्रबंधन

सवालों के घेरे में चिकित्सा प्रबंधन

इस हादसे से प्रभावित परिवारों की पीड़ा अकल्पनीय है. जो माता-पिता अपने नवजात बच्चों को खो चुके हैं, उनकी दुर्दशा को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस हादसे पर गहरी संवेदना प्रकट की है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चिकित्सा प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि खराब उपकरण और प्रबंधन में लापरवाही से यह हादसा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की सच्ची और निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की गई है.

हादसे की जांच और राहत कार्य

हादसे की जांच और राहत कार्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक बच्चों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. इस घटना की जिम्मेदारी तय करने और दोषियों पर कार्रवाई के लिए प्रशासन सक्रिय है. झांसी मेडिकल कॉलेज की यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए सख्त उपाय करने की आवश्यकता पर भी जोर देती है. इस हादसे ने देशभर को स्तब्ध कर दिया है और एक बार फिर से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है.

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