AAP MLA Umesh Makwana Resigns: गुजरात की विसावदर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली बड़ी जीत के जश्न के बीच पार्टी को बड़ा झटका लगा है। AAP के बोटाद से विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह फैसला उस समय लिया जब पार्टी गुजरात में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। हालांकि मकवाना ने यह स्पष्ट किया है कि वह आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े रहेंगे और एक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे।
सामाजिक सेवा में समय की कमी बनी इस्तीफे की वजह
उमेश मकवाना ने अपने इस्तीफे में लिखा कि वह पार्टी के कई पदों पर कार्य कर रहे थे, लेकिन अब सामाजिक सेवाओं के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पा रहे हैं। इसी वजह से उन्होंने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, “मैं आम आदमी पार्टी में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद पर पिछले ढाई साल से काम कर रहा हूं। साथ ही विधानसभा में पार्टी के दंडक के रूप में भी सेवा दे रहा हूं। लेकिन अब मैं यह जिम्मेदारियां निभाने में सक्षम नहीं हूं।”

कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में बने रहने का ऐलान
मकवाना ने पार्टी से पूरी तरह नाता नहीं तोड़ा है। उन्होंने कहा कि वह आम आदमी पार्टी के साथ एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में जुड़े रहेंगे। अपने पत्र में उन्होंने अरविंद केजरीवाल से आग्रह किया कि उन्हें पार्टी के सभी पदों और जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाए ताकि वह सामाजिक कार्यों में ज्यादा समय दे सकें।
गोपाल इटालिया की जीत ने बढ़ाया था उत्साह
इस इस्तीफे से कुछ ही दिन पहले AAP ने गुजरात की जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर शानदार जीत दर्ज की थी। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने बीजेपी के उम्मीदवार किरीट पटेल को 17,554 मतों के अंतर से हराया था। यह जीत इसलिए भी अहम मानी जा रही थी क्योंकि बीजेपी पिछले 18 सालों से इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी थी।
भूपेंद्र भयानी के इस्तीफे से खाली हुई थी विसावदर सीट
AAP ने 2022 के विधानसभा चुनाव में विसावदर सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन जीतने वाले विधायक भूपेंद्र भयानी ने दिसंबर 2023 में पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी, जिस पर 2025 के उपचुनाव में गोपाल इटालिया ने पार्टी की स्थिति मजबूत करते हुए जीत दर्ज की।
बीजेपी को एक बार फिर हार का सामना
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, विसावदर उपचुनाव में गोपाल इटालिया को 75,942 वोट मिले, जबकि बीजेपी के किरीट पटेल को 58,388 वोट हासिल हुए। बीजेपी को उम्मीद थी कि वह इस बार 18 साल बाद इस सीट पर जीत का स्वाद चखेगी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर उसका सपना तोड़ दिया।
एक तरफ आम आदमी पार्टी गुजरात में राजनीतिक रूप से खुद को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदरूनी स्तर पर चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। उमेश मकवाना का इस्तीफा इसी चुनौती का संकेत है, जो AAP के लिए आने वाले समय में गंभीर राजनीतिक समीकरण बदल सकता है।
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