Sanjay Singh House Arrest: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को शनिवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में हाउस अरेस्ट कर दिया। संजय सिंह वहां पार्टी विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर से बाहर निकलने से पहले ही नजरबंद कर दिया।
संजय सिंह बोले- लोकतंत्र की हत्या
संजय सिंह ने खुद इस कार्रवाई की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) के ज़रिए दी। उन्होंने लिखा:“मैं श्रीनगर में हूं। यहां AAP विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रेस वार्ता करने वाला था, लेकिन पुलिस ने मुझे हाउस अरेस्ट कर लिया है। मेरे घर के मेन गेट पर बाहर से ताला लगा दिया गया है। यह लोकतंत्र की हत्या है।”उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें देखा जा सकता है कि गेट पर ताला जड़ा हुआ है और बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं।
क्यों पहुंचें संजय सिंह श्रीनगर?
AAP के जम्मू-कश्मीर से विधायक मेहराज मलिक को हाल ही में पुलिस ने कथित तौर पर राज्यविरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया है। पार्टी का दावा है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की भावना से की गई है।इसी गिरफ्तारी के खिलाफ संजय सिंह श्रीनगर पहुंचे थे ताकि मीडिया के माध्यम से अपनी बात रख सकें और सरकार पर दबाव बना सकें। लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही उन्हें नजरबंद कर दिया गया। AAP ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए इसे “इमरजेंसी जैसी स्थिति” बताया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा:”जब एक सांसद को अपने संवैधानिक अधिकार के तहत प्रेस से बात करने से रोका जाता है, तो यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है। यह दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर में किसी को भी बोलने की आज़ादी नहीं है।”
पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं
अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से इस नजरबंदी पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। न ही यह स्पष्ट किया गया है कि संजय सिंह को कितने समय तक नजरबंद रखा जाएगा या फिर उन पर किसी प्रकार का केस दर्ज किया गया है या नहीं। इस मुद्दे पर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भी आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है। विपक्षी नेताओं ने इस कार्रवाई को “लोकतंत्र का गला घोंटना” करार दिया है और मांग की है कि संजय सिंह की नजरबंदी तुरंत खत्म की जाए। संजय सिंह की श्रीनगर में नजरबंदी ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां सरकार “नया कश्मीर” की बात करती है, वहीं विपक्ष इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला मान रहा है।
Read More : Delhi Jobs 2025: दिल्ली में टीचर के पदों पर बंपर भर्ती, जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया…
