झाँसी संवाददाता – भारत नामदेव
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने आज जनता दर्शन के दौरान जनपद में उर्वरक की उपलब्धता और बिक्री की समीक्षा करते हुए कहा कि जनपद में किसी भी सूरत में उर्वरक की कमी नहीं होने दी जाएगी। समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी द्वारा जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया कि

आपूर्तित उर्वरकों के बिक्री से जुड़े समस्त विक्रेता उर्वरकों का वितरण जोत के आधार पर शत-प्रतिशत पी,ओ,एस, मशीन के माध्यम से ही उर्वरक की बिक्री सुनिश्चित की जाय। यदि किसी भी उर्वरक विक्रेता द्वारा बिना खतौनी प्राप्त किये उर्वरकों की बिक्री की जाती है, तो उसके ऊपर कठोर कार्यवाही की जाये।
जिलाधिकारी द्वारा जनपद के उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं को निर्देशित किया गया कि जनपद में किसी भी डीलर द्वारा नकली उर्वरक बिक्री करते हुए पाया जाता है, तो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का उल्लंघन मानते हुए सख्त कार्यवाही करते हुए तत्काल उनकी डीलरशिप निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।
सहकारिता विभाग एवं राजस्व विभाग के कार्मिकों…

जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि जनपद को प्राप्त होने वाली उर्वरकों का स्थानीय मांग के अनुरूप कृषकों में समान रूप से वितरण को सुनिश्चित किये जाने हेतु कृषि विभाग, सहकारिता विभाग एवं राजस्व विभाग के कार्मिकों को बिक्री केन्द्र पर तैनात किया गया है, ये कार्मिक अपनी उपस्थिति में गुणवत्तायुक्त शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर उर्वरकों का वितरण कृषकों के बीच कराना सुनिश्चित करायेंगे। जिला कृषि अधिकारी के के सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में उर्वरक की कोई कमी नहीं है, पर्याप्त उर्वरक शासन द्वारा पूर्व में प्राप्त हो चुकी है। वर्तमान में जनपद में यूरिया एवं फॉस्फेटिक उर्वरकों की उपलब्धता है, जनपद में बुवाई का कार्य प्रगति पर है। जिसके लिए डी,ए,पी, यूरिया एवं एन,पी,के, की उपलब्धता पर्याप्त है एवं बिक्री एक समान मूल्य पर की जा रही है।
जनपद के कृषकों द्वारा प्रायः डी,ए,पी, उर्वरकों को खेतों में प्रयोग हेतु प्राथमिकता देते है, जिसमें केवल फॉस्फोरस एवं नाईट्रोजन पोषक तत्व ही पाये जाते है, जबकि एन,पी,के, कृषकों के लिए एक बेहतरीन फॉस्फोटिक उर्वरक है जिसमें फॉस्फोरस और नाइट्रोजन के अतिरितक्त पोटाश भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। एन,पी,के, का प्रयोग करने से कृषकों को पोटाश की कम मात्रा खेतों में डालनी पड़ती है।
जनपद के कृषकों में खाद की कोई कमी नहीं…

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद में किसी भी उर्वरक विक्रेता द्वारा कालाबाजारी, स्टॉक होल्डिंग, नकली उर्वरकों की बिक्री एवं निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बिक्री आदि का मामला संज्ञान में आते ही जिला प्रशासन को संज्ञान में लेते हुए त्वरित विभागीय कार्यवाही करायी जाय। जनपद में कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु जिला प्रशासन सतत् प्रयत्नशील है जनपद के कृषकों में खाद की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। शिकायत प्राप्त होने पर उर्वरक विक्रेताओं के ऊपर त्वरित कार्यवाही की जायेगी।
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प्रयोगशाला से विश्लेषण…

जिला कृषि अधिकारी ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देश पर आकस्मिक छापे के दौरान 24-06-2023 को राईन खाद भंडार समथर मोंठ का भूमि संरक्षण अधिकारी चिरगाँव द्वारा डी,ए,पी, मोजाइक उर्वरक का नमूना ग्रहीत किया गया था, जिसे प्रयोगशाला से विश्लेषण कराने पर नमूना अमानक स्तर का पाया गया है। अमानक उर्वरको का विकय किसी भी दशा में कृषको मे नही किया जा सकता है, जो कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का स्पष्ट उल्लंघन है।
पूर्ण रूप से प्रतिबंधित की जाती है…

जिसके बाद उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के उल्लघंन मे आपका खुदरा निबन्धन प्रमाण पत्र सं 860/60 को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुये बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित की जाती है। एंव निर्देशित किया जाता है, कि निलम्बन अवधि में किसी भी प्रकार के उर्वरको का क्रय- विक्रय नही करेगें। उपरोक्त संबंध मे अपना स्पष्टीकरण व्यवसाय से सम्बन्धित अभिलेखो के साथ एक सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।