Adani Group का बड़ा कदम: Adani-Wilmar से 44% हिस्सेदारी बेचेगा, क्या होगा इसका असर?

अडानी समूह ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उसने अडानी विल्मर (AWL) से अपनी 44% हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया।

Mona Jha
Adani Enterprises
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Adani Wilmar:अडानी एंटरप्राइजेज (AEL) ने 30 दिसंबर को औपचारिक रूप से घोषणा की कि वह अडानी विल्मर (AWL) से अलग होने जा रहा है। इस फैसले के तहत, अडानी समूह अपनी 44% हिस्सेदारी को दो चरणों में बेचेगा। यह कदम कंपनी के रणनीतिक बदलाव का हिस्सा है, जिसमें कंपनी अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं और भविष्य के निवेश पर ध्यान केंद्रित करेगी। अडानी समूह की ओर से यह घोषणा बिजनेस और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका असर कंपनी की संरचना और भविष्य की योजनाओं पर पड़ेगा।

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विनिवेश प्रक्रिया और समझौता

इस फैसले के तहत, अडानी समूह अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश करेगा, जिसमें विल्मर इंटरनेशनल की सहायक कंपनी Lence Pte अडानी कमोडिटीज के 31.06% इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण करेगी। हालांकि, यह सौदा 305 रुपये प्रति शेयर से अधिक कीमत पर नहीं होगा। इसके अलावा, अडानी एंटरप्राइजेज को अडानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी को सार्वजनिक शेयर होल्डिंग नियमों के अनुसार 13% और शेयर बेचने होंगे, ताकि न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की आवश्यकता पूरी की जा सके।

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विनिवेश से प्राप्त राशि का उपयोग

इस प्रक्रिया से प्राप्त राशि का उपयोग अडानी एंटरप्राइजेज अपनी ऊर्जा, परिवहन, लॉजिस्टिक्स और उद्योग के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए करेगी। यह निवेश कंपनी को इन क्षेत्रों में और मजबूत बनने में मदद करेगा। अडानी एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने इस संदर्भ में कई फैसले भी किए हैं, जिसमें अडानी विल्मर के बोर्ड से अपने नामित निदेशकों को हटाने का प्रस्ताव शामिल है। इसके साथ ही, कंपनी का नाम बदलने का भी निर्णय लिया गया है।

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अडानी विल्मर का कारोबार और मार्केट स्थिति

अडानी विल्मर लिमिटेड, जो भारत की सबसे बड़ी फूड FMCG कंपनी मानी जाती है, 2024 तक 42,785 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ काम कर रही है। कंपनी का सबसे लोकप्रिय ब्रांड “फॉर्च्यून” है, जो भारत के शहरी बाजारों में प्रमुख रूप से बिकता है। कंपनी के पास खाने वाला तेल, पैकेज्ड फूड और FMCG क्षेत्र में बड़े व्यवसाय हैं, और यह भारत में 22 से अधिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स और एक विशाल वितरण नेटवर्क के साथ फैला हुआ है। इसके उत्पादों की पहुंच भारत के 16 लाख से ज्यादा खुदरा दुकानों तक है और यह देश के 30,600 ग्रामीण कस्बों तक भी उपलब्ध है।

अडानी विल्मर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने उत्पादों का निर्यात करता है और 30 से अधिक देशों में अपने उत्पादों की आपूर्ति करता है।

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शेयर बाजार पर असर

अडानी विल्मर से अडानी समूह के अलग होने के बाद, अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 7.65% बढ़कर ₹2,593.45 पर बंद हुए। वहीं, अडानी विल्मर के शेयरों में गिरावट देखने को मिली, जो ₹321.65 तक गिर गए थे, लेकिन बाद में थोड़ा संभलते हुए ₹329.50 पर बंद हुए, जो कि 0.17% की गिरावट थी।

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