Bihar Adani Land:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भागलपुर जिले के पिरपैंती में अडानी ग्रुप को 1,050 एकड़ ज़मीन मात्र 1 रुपये सालाना किराये पर दे दी गई है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस जमीन को ‘गिफ्ट’ बताते हुए कहा कि यह डील बिहार की जनता के साथ “डबल लूट” के बराबर है।
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“बीजेपी को चुनाव हारने का डर, इसलिए अडानी को गिफ्ट”
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि बीजेपी को बिहार में चुनाव हारने का अंदेशा है, इसलिए उसने राज्य की ज़मीन और संसाधन उद्योगपति गौतम अडानी को सौंप दिए हैं। उन्होंने कहा:“जब भी बीजेपी को लगता है कि चुनाव हार सकती है, वह अडानी को उपहार दे देती है। इस बार भी वैसा ही हुआ है।”
1 रुपये में जमीन, 33 साल के लिए सौंपा गया प्रोजेक्ट: कांग्रेस
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, खेड़ा ने कहा कि अडानी को 1 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से 33 साल के लिए 1,050 एकड़ जमीन और 10 लाख पेड़ सौंपे गए हैं। कांग्रेस ने इस डील को “राष्ट्र सेठ गौतम अडानी को उपहार” करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस भूमि को स्थानीय किसान “मां” की तरह मानते हैं, उसे जबरन छीन लिया गया।
सरकारी पैसे से प्लांट, फिर भी महंगी बिजली?
कांग्रेस का आरोप है कि यह प्रोजेक्ट 21,400 करोड़ रुपये की लागत से 2,400 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए बनाया जाएगा, जिसकी घोषणा पहले सरकारी योजना के तहत की गई थी। लेकिन बाद में इसे अडानी ग्रुप को सौंप दिया गया। खेड़ा ने कहा:”बिहार की ज़मीन, बिहार के पैसे और बिहार का कोयला… लेकिन बिजली बिहारियों को ₹6.75 प्रति यूनिट मिलेगी, जबकि महाराष्ट्र-यूपी में यही बिजली ₹3-4 में मिलती है।”
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किसानों से जबरन लिए गए हस्ताक्षर: कांग्रेस का आरोप
खेड़ा ने दावा किया कि किसानों से जबरन पेंसिल से हस्ताक्षर करवाकर जमीन अधिग्रहण किया गया। उन्होंने सरकार के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान पर तंज कसते हुए कहा कि जो ज़मीन किसानों ने अपनी मां मानी, उसी को 1 रुपये में बेच दिया गया।
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पीएम के दौरे पर भी सवाल
कांग्रेस ने इस डील की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाया। खेड़ा ने आरोप लगाया कि जब पीएम नरेंद्र मोदी बिहार दौरे पर हैं, तब गांव वालों को नजरबंद कर दिया गया ताकि वे विरोध प्रदर्शन न कर सकें।
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चुनावी मौसम में जमीन सौंपने की राजनीति
कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण को चुनावी राजनीति और कॉर्पोरेट परस्त नीति का उदाहरण बताते हुए कहा है कि बीजेपी सत्ता से बाहर जाने के डर में ‘राष्ट्र सेठों’ को फायदा पहुंचा रही है। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर केंद्र और बिहार सरकार की क्या प्रतिक्रिया आती है, और यह विवाद चुनाव में कितना असर डालता है।

