Aditya L1: Chandrayaan 3 की सफल लैंडिंग के बाद अब ISRO सूरज पर तिरंगा फहराने की तैयारी में हैं। आपको बता दे कि 23 अगस्त को Chandrayaan 3 चंद्रमा पर लैंड हुआ था, जिसके बाद भारत पूरे विश्व में इतिहास रचने वाला देश के नाम से जाने जाना लगा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) अब सूरज की स्टडी करने की तैयारी में हैं। इसके लिए आज सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर PSLV XL रॉकेट के जरिए श्री श्रीहरिकोटा से Aditya L1 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया जाएगा।
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जाने क्या हैं Aditya L1

आपको बता दे कि L1 एक ऐसा स्थान हैं, जहां से सूर्य का चौबीसों घंटे अवलोकन किया जा सकता हैं। ये वो जगह है जहां धरती और सूरज के गुरुत्वाकर्षण के बीच एक बैलेंस बन जाता हैं। धरती और गुरुत्वाकंर्षण के बीच बैलेंस होने से एक सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाता हैं, इस फोर्स की वजह से कोई भी स्पेसक्राफ्ट एक जगह स्थिर रह सकता हैं।
इसके अलावा इस स्थान को दिन और रात की साइकिल प्रभावित नहीं करती। यहां से सूरज सातों दिन और 24 घंटे दिखाई पड़ता हैं। वहीं ये पॉइंट पृथ्वी के नजदीक हैं और यहां से संचार में काफी आसानी होती है। इस कारण ये स्थान स्टडी के लिहाज से अच्छा माना जाता हैं।
Aditya L1 देश में ही बनाया गया

बता दे कि ISRO के एक अधिकारी के मुताबिक, आदित्य L1 देश की संस्थाओं की भागीदारी से बनने वाला पूरी तरह स्वदेशी प्रयास है। बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ ने इसके पेलोड बनाए हैं। जबकि इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे ने मिशन के लिए सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर पेलोड विकसित किया है।
काम क्या है..

- सूर्य के आसपास के वायुमंडल का अध्ययन करना।
- क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की स्टडी करना, फ्लेयर्स पर रिसर्च करना।
- सौर कोरोना की भौतिकी और इसका तापमान को मापना।
- कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा का निदान करना, इसमें तापमान, वेग और घनत्व की जानकारी निकालना।
- सूर्य के आसपास हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता को जांचना।