Pan-India SIR Date: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देशभर में चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि Special Intensive Revision (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण का दूसरा चरण अब देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जाएगा। यह निर्णय बिहार में SIR की सफलता के बाद लिया गया है, जहां हाल ही में यह प्रक्रिया पूरी की गई थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में मुख्य चुनाव आयुक्त ने छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए बिहार के 7.5 करोड़ मतदाताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि बिहार में SIR के सफल क्रियान्वयन के बाद देश के सभी 36 राज्य निर्वाचन आयुक्तों के साथ दो बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें इस प्रक्रिया के अनुभवों और सुधारों पर चर्चा की गई।
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योग्य को जोड़ना, अयोग्य को हटाना

ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR का मुख्य उद्देश्य योग्य मतदाताओं को सूची में जोड़ना और अयोग्य या दोहराए गए नामों को हटाना है। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को अधिक सटीक और अद्यतन बनाने में मदद करती है। उन्होंने यह भी बताया कि 1951 से 2004 के बीच इस प्रकार का पुनरीक्षण आठ बार किया जा चुका है, लेकिन समय-समय पर राजनीतिक दलों द्वारा मतदाता सूची में खामियों की शिकायतें मिलती रही हैं। SIR इन खामियों को दूर करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
आज रात से मतदाता सूची होगी फ्रीज
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन राज्यों में SIR लागू किया जा रहा है, वहां की मतदाता सूची आज रात 12 बजे से फ्रीज कर दी जाएगी। इसके बाद सूची में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा जब तक पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
हर बूथ पर एक बीएलओ (Booth Level Officer) और हर विधानसभा क्षेत्र में एक ईआरओ (Electoral Registration Officer) तैनात किया जाएगा। सभी मतदाताओं के लिए इन्यूमेरेशन फॉर्म (EF) आज ही प्रिंट किए जाएंगे। BLO कम से कम तीन बार हर घर जाकर जानकारी एकत्रित करेंगे ताकि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।
ऑनलाइन विकल्प भी उपलब्ध
जो मतदाता अपने क्षेत्र से बाहर हैं, वे इस फॉर्म को ऑनलाइन माध्यम से भी भर सकते हैं। इस प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए किसी अतिरिक्त दस्तावेज या प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी। यह पहल डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
