Operation Sindoor : भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सफलतापूर्वक चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी संगठनों की गतिविधियों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिद्दीन (HM) जैसे कट्टरपंथी संगठन अब अपने ठिकाने PoK से खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत की ओर शिफ्ट कर रहे हैं।
खैबर पख्तूनख्वा बना आतंकियों का नया अड्डा
14 सितंबर को KPK के गढ़ी हबीबुल्लाह (मानसेहरा) में JeM ने एक बड़ी रैली आयोजित की, जिसे “धार्मिक सभा” बताया गया लेकिन असल उद्देश्य आतंकियों की भर्ती था। इस रैली में कट्टरपंथी राजनीतिक दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) ने भी सहयोग किया। इस कार्यक्रम को JeM के टॉप कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी उर्फ अबू मोहम्मद ने संबोधित किया। उसने अपने भड़काऊ भाषण में ओसामा बिन लादेन को “इस्लाम का शहीद” बताया और भारतीय हमले में मारे गए आतंकियों को “जिहाद का हिस्सा” करार दिया।
पेशावर में JeM का अगला इवेंट
JeM अब 25 सितंबर को पेशावर में एक और बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने वाला है, जो मसूद अजहर के भाई यूसुफ अजहर की बरसी पर होगा। खास बात यह है कि इस बार JeM अपना नाम “अल-मुराबितून” रखेगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय निगरानी से बचा जा सके। “अल-मुराबितून” का अर्थ है इस्लाम के रक्षक।
हिजबुल का नया कैंप “HM 313”
इसी बीच, हिजबुल मुजाहिद्दीन ने भी KPK के लोअर दिर जिले के बंडाई इलाके में नया प्रशिक्षण कैंप शुरू किया है, जिसका नाम रखा गया है “HM 313”। यह कैंप पूर्व पाकिस्तानी कमांडो खालिद खान चला रहा है। “313” नाम बदर की लड़ाई और अल-कायदा की 313 ब्रिगेड से प्रेरित है। इस कैंप की जमीन अगस्त 2024 में खरीदी गई थी और अब वहां पर संरचनाएं तैयार की जा रही हैं।
KPK में शिफ्टिंग क्यों?
PoK में हुए सटीक भारतीय हमलों के बाद आतंकियों ने अब KPK को “बैकअप बेस” बनाना शुरू कर दिया है।यह इलाका अफगानिस्तान के पास है, जहां से नए लड़ाके और हथियार आसानी से मिल जाते हैं।पाकिस्तानी सेना, पुलिस और कुछ धार्मिक संगठन आतंकियों को खुलेआम समर्थन दे रहे हैं।
भारत के लिए खतरे की घंटी
KPK की ओर शिफ्टिंग से यह साफ हो गया है कि आतंकवादी अब एक “रियर कमांड सेंटर” KPK में बना रहे हैं, जबकि PoK को वे “फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस” के रूप में उपयोग में लाएंगे। ऐसे में भारत के खिलाफ घुसपैठ, फिदायीन हमले और IED हमलों की रणनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है।
कौन है मसूद इलियास कश्मीरी?
जन्म: रावलकोट (PoK), संगठन: जैश-ए-मोहम्मद का टॉप कमांडर,इतिहास: 2001 से JeM से जुड़ा, अफगानिस्तान में NATO से लड़ चुका है। भारत में हमले: 2018 के सुंजवान कैंप हमले का मास्टरमाइंड।वर्तमान: KPK और कश्मीर क्षेत्र का JeM “अमीर”।JeM और लश्कर के साझा संगठन PAFF (People’s Anti-Fascist Front) का संचालन भी करता है।पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर का करीबी बताया जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने भले ही भारत को सामरिक बढ़त दिलाई हो, लेकिन आतंकियों की रणनीति में बदलाव आने वाले समय में नई सुरक्षा चुनौतियों को जन्म दे सकता है। अब भारत को सिर्फ PoK ही नहीं, बल्कि KPK की ओर से भी सतर्क रहने की जरूरत है।
