JMM से बगावत के बाद Champai Soren ने उठाया बड़ा कदम…नई पार्टी बनाने का किया ऐलान

Aanchal Singh
JMM से बगावत के बाद Champai Soren ने उठाया बड़ा कदम
JMM से बगावत के बाद Champai Soren ने उठाया बड़ा कदम

Champai Soren: पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्री चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे, बल्कि अपने जीवन का नया अध्याय शुरू कर चुके हैं. एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में चंपाई सोरेन ने बताया कि अब वह अपना नया संगठन (पार्टी) बनाने की दिशा में काम करेंगे. उन्होंने कहा, “हम अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए एक नया साथी खोज रहे हैं, जिसके साथ मिलकर हम आगे बढ़ सकें. यह जनता की मांग है और हम इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

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दिल्ली दौरे पर कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं

बताते चले कि चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने दिल्ली दौरे पर किसी भी भाजपा नेता से मुलाकात की बात को नकारते हुए कहा कि वह केवल अपने बच्चों और पोते से मिलने गए थे. उन्होंने कहा, “हमने अपनी सोच और विचार जनता के सामने रख दिए हैं. आदिवासी, दलित और गरीबों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. हमने सोशल मीडिया पर जो बातें कही थीं, उन्हें दोहराना नहीं चाहते थे. नई शुरुआत हमने कर दी है.”

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JMM की अपील पर चंपाई का प्रतिक्रिया

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की तरफ से चंपाई सोरेन (Champai Soren) को पार्टी में बने रहने के आग्रह पर उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति की अपनी सोच होती है. JMM के नेताओं की सोच अच्छी है, लेकिन मेरे अपने विचार हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र मैं पूरे झारखंड का दौरा करूंगा.” चंपाई सोरेन ने जीतन मांझी के एनडीए में उनके स्वागत की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जो भी हमारे शुभचिंतक हैं, उनका हम धन्यवाद करते हैं. आज भारत बंद का ऐलान किया गया है, और मैं इसे नैतिक समर्थन देता हूं.”

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गांव के आदिवासियों का समर्थन और भावना

चंपाई सोरेन (Champai Soren) के गांव के आदिवासियों ने उनके प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि चंपाई सोरेन के साथ अन्याय हुआ है. उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से जबरन हटाया गया और यह अपमानजनक था. उनके कारण ही झारखंड मुक्ति मोर्चा आगे बढ़ी है, और अब विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है. आदिवासियों ने यह भी कहा कि चंपाई को मुख्यमंत्री बनाए रखना चाहिए था, और उनके किसी भी कदम का समर्थन करेंगे, चाहे वह अपनी पार्टी बनाएं या भाजपा के साथ जाएं. हालांकि, कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यदि चंपाई भाजपा के साथ जाते हैं, तो वे उनका समर्थन नहीं करेंगे.

राजनीति से संन्यास नहीं, बल्कि नई शुरुआत

इस प्रकार, चंपाई सोरेन (Champai Soren) का राजनीतिक सफर अब एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहां वह अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने और नए संगठन के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उनके इस नए कदम पर आदिवासी समुदाय का समर्थन बना हुआ है, जो उनके भविष्य के राजनीतिक निर्णयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है.

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