Agra-Lucknow Expressway: 23 अक्टूबर की रात आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर नसीरपुर थाना क्षेत्र में हुए सड़क हादसे में प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य बाल-बाल बच गईं। हादसा उस समय हुआ जब उनके वाहन की सड़क पर अनियंत्रित ट्रक से टक्कर हो गई। इस मामले में उनके पीआरओ आशीष सिंह ने यूपीडा अधिकारियों और ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया है, जिससे हड़कंप मच गया है।
हादसे का पूरा घटनाक्रम
मंत्री बेबी रानी मौर्य 23 अक्टूबर की रात हाथरस से लखनऊ जा रही थीं। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर नसीरपुर थाना क्षेत्र में सड़क पर डायवर्जन के कारण दोनों दिशाओं का ट्रैफिक एक ही लेन से चल रहा था। मंत्री के वाहन के आगे चल रहे ट्रक का टायर अचानक फट गया, जिससे ट्रक अनियंत्रित होकर मंत्री की सरकारी फॉर्च्यूनर कार से जा टकराया।हादसे के कारण मंत्री की कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन मंत्री, उनके सुरक्षा गार्ड और स्टाफ किसी गंभीर चोट से बच गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंचे और मंत्री को सुरक्षित दूसरे वाहन से लखनऊ भिजवाया गया।
FIR में लगे गंभीर आरोप
मंत्री के पीआरओ आशीष सिंह ने रविवार को नसीरपुर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। इसमें यूपीडा अधिकारियों पर डायवर्जन साइट पर अपर्याप्त और अस्पष्ट संकेतक लगाने की लापरवाही का आरोप लगाया गया है। सड़क पर लगे ड्रम गहरे नीले रंग के थे, जिनका रंग उड़ चुका था, और कोई चेतावनी बोर्ड या रिफ्लेक्टिव साइनेज नहीं थे।साथ ही ट्रक चालक पर भी वाहन की खराब स्थिति में ड्राइविंग करने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि इस लापरवाही से मंत्री और आम जनता की जान को गंभीर खतरा पैदा हुआ।
मंत्री ने जताई चिंता
मंत्री बेबी रानी मौर्य ने भी हादसे को लेकर चिंता जताई और कहा कि ऐसी लापरवाही से आम जनता की जान खतरे में पड़ती है। उन्होंने यूपीडा अधिकारियों से गंभीरता दिखाने और एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने की मांग की।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सप्रेसवे पर सुरक्षित संकेतकों और रिफ्लेक्टिव साइनेज की कमी से बड़े हादसे हो सकते हैं। सड़क और ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार किए बिना ऐसे हादसे लगातार होते रहेंगे।आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मंत्री के वाहन से टकराने वाला हादसा राज्य में सड़क सुरक्षा की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है। यूपीडा अधिकारियों और ट्रक चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अब प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
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