Ahmedabad Plane Crash : भारत की विमानन निगरानी एजेंसी नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने बोइंग 737 और 787 विमानों के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की अनिवार्य जांच का निर्देश सभी एयरलाइंस को दिया है। यह कदम हाल ही में अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद उठाया गया है, जिसमें फ्यूल स्विच के स्वतः कट-ऑफ मोड में जाने को दुर्घटना का एक प्रमुख कारण बताया गया है।
अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों से सतर्कता
DGCA ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामने आई रिपोर्टों में बोइंग विमानों के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम में संभावित तकनीकी खामी की बात कही गई है। यह प्रणाली विमान के इंजन में ईंधन आपूर्ति को नियंत्रित करती है, और इसमें गड़बड़ी होने पर इंजन बंद हो सकता है या ईंधन की सप्लाई रुक सकती है, जिससे गंभीर हादसे हो सकते हैं।
जांच से सामने आई गंभीर बात
DGCA की यह सख्ती उस 12 जून को हुए एयर इंडिया AI-171 विमान हादसे की AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद आई है। रिपोर्ट में बताया गया कि विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच अपने-आप ‘रन’ से ‘कटऑफ’ मोड में चले गए थे, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात यह थी कि हादसे से कुछ सेकंड पहले एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि इंजन का फ्यूल क्यों बंद किया, लेकिन जवाब मिला कि उसने फ्यूल स्विच बंद नहीं किया था। इस रहस्यमयी बदलाव ने फ्यूल सिस्टम की स्वचालित गड़बड़ी की ओर इशारा किया।
21 जुलाई तक निरीक्षण पूरा करने का निर्देश
DGCA ने अपने सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि यह निर्देश 17 दिसंबर 2018 के अमेरिकी AD (SAIB NM-18-33) के अनुरूप है। इसमें कहा गया है कि “सभी प्रभावित एयर ऑपरेटर 21 जुलाई 2025 तक अपने बोइंग 737 और 787 विमान बेड़े की निरीक्षण प्रक्रिया पूरी करें और रिपोर्ट DGCA के क्षेत्रीय कार्यालय को सौंपें।”DGCA ने यह भी निर्देश दिया है कि अगर किसी विमान में फ्यूल स्विच सिस्टम में खराबी पाई जाती है, तो उसकी उड़ान पर तुरंत रोक लगाई जाएगी। उसे तब तक उड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी जब तक पूरी तकनीकी खामी दूर नहीं हो जाती।
सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
DGCA ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसीलिए यह फैसला लिया गया है। प्रारंभिक जांच में यह भी पाया गया कि अहमदाबाद हादसे में शामिल विमान के रखरखाव रिकॉर्ड और उड़ान योग्यता प्रमाण पत्र सभी मानकों पर खरे उतरे थे। इसके बावजूद फ्यूल स्विच की अनियंत्रित क्रिया चिंता का विषय बनी हुई है। DGCA ने कहा“यह निरीक्षण न केवल सुरक्षा के लिहाज से अनिवार्य है, बल्कि यह एयरवर्थिनेस डायरेक्टिव्स के अनुरूप है। इससे भविष्य में किसी भी दुर्घटना को रोका जा सकेगा।”
एयरलाइंस पर बढ़ा दबाव
देश की प्रमुख एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और विस्तारा के बेड़े में बोइंग 737 और 787 विमान बड़ी संख्या में हैं। ऐसे में यह आदेश उनके लिए तकनीकी और प्रशासनिक तौर पर एक बड़ी चुनौती बन सकता है। उन्हें 21 जुलाई की डेडलाइन तक हर विमान का फ्यूल स्विच सिस्टम जांच कर, डीजीसीए को विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी होगी।
भविष्य की दिशा क्या?
DGCA की यह कार्रवाई निवारक जांच के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि एजेंसी अब किसी हादसे के बाद सिर्फ औपचारिकता तक सीमित नहीं रहकर, सुनियोजित और समयबद्ध सुधारात्मक कदम उठा रही है। आने वाले समय में दूसरे विमानों और प्रणालियों की भी इसी तरह प्रभावी ऑडिट और जांच की संभावना है। DGCA की इस सख्ती से देश में विमान यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है। बोइंग विमानों के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की समय पर जांच से भविष्य में हादसों की आशंका को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। एयरलाइंस के लिए यह एक सतर्कता और जिम्मेदारी की परीक्षा भी है।
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