AI Risks: अगर आपको लगता है कि एआई से अपनी तस्वीरें बनवाना सिर्फ एक मजेदार गतिविधि है और इसका इस्तेमाल केवल मनोरंजन के लिए हो रहा है, तो आपको एक बार फिर से इस पर विचार करने की आवश्यकता है। एआई कंपनियों पर अक्सर लोगों का डेटा बेचने के आरोप लगते रहे हैं। क्या आपको पता है, अब AI आपकी पहचान चुरा सकता है..एक यूजर ने जब ChatGPT की मदद से आधार बनवाने की कोशिश की, तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए जिसके बाद से डिजिटल पहचान की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं.
AI ने खड़ा किया नया खतरा!
एक समय था जब हमारा नाम ही हमारी पहचान होती थी.वक्त बदला और फिर वोटर कार्ड आया और इस दस्तावेज ने ‘पहचान’ पर सरकारी मुहर लगा दी फिर आया आधार कार्ड, एक ऐसा नंबर, जो अब हर भारतीय की पहचान बन चुका है लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि आधार कार्ड सिर्फ सरकार ही बना सकती है, तो एक बार फिर से सोचिए? क्योंकि, टेक्नोलॉजी की दुनिया में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने एक नया खतरा खड़ा कर दिया है.जी हां, अब AI भी नकली आधार कार्ड बना सकता है, वो भी हूबहू.इतना असली कि कोई भी धोखा खा जाएगा.
पहचान और नागरिकता दस्तावेजों की जालसाजी
अब तक साइबर अपराधियों के लिए सरकार की ओर से जारी पहचान और नागरिकता दस्तावेजों की जालसाजी करना एक मुश्किल काम था. लेकिन अब, OpenAI के ChatGPT ने इस काम को बेहद आसान बना दिया है. OpenAIके लेटेस्ट AI मॉडल GPT-40 जिसने हाल ही में इंटरनेट पर स्टूडियो Ghibli स्टाइल की तस्वीरों से तहलका मचाया. अब असली जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट और यहां तक कि वोटर आईडी कार्ड भी बना रहा है.
सबसे बड़ी चिंता AI से ही पैदा हो रही
डिजिटल जमाने में तेजी से विकसित होती तकनीकी ने हमारी जिंदगी को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है। लेकिन इसी के साथ टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल भी बढ़ने लगा है। इनमें सबसे बड़ी चिंता AI से ही पैदा हो रही है। AI टूल्स जैसे ChatGPTआदि आमतौर पर जानकारी देने और कंटेंट जनरेट करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन अब इनका इस्तेमाल फर्जीवाड़े और साइबर ठगी के लिए होने लगा है।
धोखाधड़ी करना हुआ अब आसान ?
ChatGPT के इमेज जेनरेशन फीचर का खासतौर पर इस्तेमाल यहां देखने को मिल रहा है। इसके जरिए ठग अब नकली आधार कार्ड और PAN कार्ड जैसे पहचान संबंधी जरूरी दस्तावेज बना सकते हैं। इसी के चलते आम लोगों के साथ धोखाधड़ी करना अब आसान हो गया है। ChatGPT ऐसी नकली तस्वीरें बना सकता है जो कि असली से भी ज्यादा असली नजर आ सकती हैं। इन्हें पहचान पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।
व्यक्ति की पहचान का दुरुपयोग
ऐसे में इस तरह के AI टूल की मदद से कोई भी व्यक्ति किसी का नाम, पता और फोटो बनाकर एक फर्जी आधार कार्ड, या PAN कार्ड बनवा सकता है। इन फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल करके किसी भी व्यक्ति के नाम से बैंक अकाउंट खोला जा सकता है, फर्जी लोन का आवेदन किया जा सकता है, मोबाइल सिम कार्ड लिया जा सकता है। यानी एआई के ये टूल अब किसी भी व्यक्ति की पहचान का दुरुपयोग करने में आसानी से इस्तेमाल हो सकते हैं।
तेजी से बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले
AI के दुरुपयोग के चलते भविष्य में कई दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं। साइबर ठगी के मामले इससे तेजी से बढ़ सकते हैं क्योंकि ऑनलाइन कोई भी इमेज बनाकर ID के माध्यम से फर्जीवाड़ा किया जा सकता है।आधार और पैन कार्ड जैसे दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर संदेह होना शुरू हो सकता है। किसी की व्यक्तिगत जानकारी गलत हाथों में जा सकती है।फर्जी आईडी की मदद से किसी भी व्यक्ति के नाम से किसी भी अपराध को अंजाम दिया जा सकता है। इससे निर्दोष लोग जाल में फंस सकते हैं और यह कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
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