Air India Plane Crash:अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर अब जांच में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद जहां पश्चिमी मीडिया ने पायलटों को दोषी ठहराया था, वहीं अब हादसे की जांच में सामने आए तथ्यों ने उन सभी दावों को खारिज कर दिया है। 12 जून को अहमदाबाद में टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान AI171 के मलबे से जो सबूत मिले हैं, वे पूरी घटना को एक नए दृष्टिकोण से देखने पर मजबूर करते हैं।
फ्यूल कटऑफ की थ्योरी गलत साबित
हादसे के बाद पश्चिमी मीडिया ने दावा किया था कि पायलट ने जानबूझकर विमान का फ्यूल कटऑफ किया था, जिससे विमान क्रैश हुआ। यह एक गंभीर आरोप था, जिससे पायलट की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। हालांकि अब जांच में सामने आया है कि फ्यूल कटऑफ की थ्योरी पूरी तरह निराधार है।
मलबे से मिले अहम सुराग
क्रैश के बाद मिले विमान के मलबे से जो सुराग मिले हैं, वे घटना की असल वजह की ओर इशारा करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि विमान का पिछला हिस्सा, यानी टेल सेक्शन, आग से झुलसा नहीं था। इससे यह संकेत मिला कि क्रैश के दौरान वहां आग नहीं लगी थी, बल्कि तकनीकी गड़बड़ी से पहले ही विमान में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई थी।
STAB POS XDCR और APU पाए गए सुरक्षित
हादसे के बाद विमान के दो अहम उपकरण – STAB POS XDCR (Stabilizer Position Transducer) और APU (Auxiliary Power Unit) – सुरक्षित पाए गए हैं। इनसे यह संकेत मिलता है कि विमान के कुछ सिस्टम्स उस समय भी कार्यशील थे। हालांकि, यह भी पता चला कि उड़ान के पहले ही विमान की लाइट बार-बार जा रही थी, जिससे साफ होता है कि बिजली आपूर्ति में पहले से ही रुकावट आ रही थी।
इलेक्ट्रिकल फेल्योर की आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि विमान के क्रैश की असली वजह इलेक्ट्रिकल फेल्योर हो सकती है। यानी टेकऑफ के समय विमान में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई, जिससे कंट्रोल सिस्टम फेल हो गया और विमान कुछ ही पलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
Read more:Meta Imagine AI: Whatsapp और Instagram के इस फीचर से Create कर सकेंगे अपनी AI…जानें पूरा प्रोसेस
जांच में नया एंगल आया सामने
जांच टीम ने अब इस पूरे हादसे को एक इलेक्ट्रिकल फॉल्ट के नजरिए से देखना शुरू किया है। इससे पहले जो अनुमान लगाए जा रहे थे कि पायलट की गलती से हादसा हुआ, वे अब कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। विमान की टेक्निकल रिपोर्ट और मलबे से मिले साक्ष्य बताते हैं कि पायलट की कोई गलती नहीं थी।

