Ajay Rai GST Attack : उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। हाल ही में लागू हुई नई जीएसटी (GST) दरों को लेकर राय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज जो लोग जीएसटी सुधारों के फायदे गिना रहे हैं, वही लोग पिछले 8 वर्षों से देश के व्यापारियों और आम जनता का “खून चूसते” रहे हैं। अजय राय ने कहा, “जब इन्होंने 8 साल पहले जीएसटी लागू किया था, उसी समय राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा था कि यह देशहित में नहीं है। राहुल जी ने इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा था, जो व्यापारियों को बर्बाद कर देगा। आज वही बातें सच हो रही हैं।”
“गब्बर सिंह टैक्स” और व्यापारियों की दुर्दशा
राय ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जीएसटी के नाम पर व्यापारियों को अनावश्यक पेचिदगियों में उलझा दिया है। उन्होंने कहा, “देश का व्यापारी वर्ग, जो कभी भाजपा का मजबूत आधार हुआ करता था, आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। छोटे दुकानदारों से लेकर मझोले उद्योगपति तक सभी इस टैक्स प्रणाली से परेशान हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस की ओर से बार-बार सुझाव दिए गए कि जीएसटी को सरल, पारदर्शी और व्यापारी हितैषी बनाया जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने इन्हें नजरअंदाज किया।
“अब चुनावी फायदा उठाने के लिए कर रहे हैं प्रचार”
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए अब जीएसटी को सुधारों का चश्मा पहनाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। “आठ साल तक टैक्स के नाम पर जनता से वसूली की गई, अब जब चुनाव सामने हैं तो ये कहते हैं कि हमने बहुत सुधार किए हैं। असल में ये सिर्फ प्रचार का हिस्सा है,” राय ने कहा।
कांग्रेस का वादा: सरल टैक्स, सभी के लिए लाभकारी
अजय राय ने यह भी दोहराया कि कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो जीएसटी प्रणाली को पूरी तरह से पुनः संरचित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम एक ऐसी टैक्स व्यवस्था लाएंगे जो वास्तव में व्यापारियों, किसानों और आम उपभोक्ताओं के हित में हो। राहुल गांधी जी का विज़न स्पष्ट है जनता के साथ न्याय हो, व्यापार को बढ़ावा मिले और टैक्स प्रणाली डर का नहीं, भरोसे का माध्यम बने।”
अजय राय की यह टिप्पणी न केवल जीएसटी के वर्तमान स्वरूप पर सवाल खड़े करती है, बल्कि आगामी चुनावों के लिए कांग्रेस की आर्थिक रणनीति की झलक भी देती है। जहां एक ओर केंद्र सरकार खुद को सुधारवादी बता रही है, वहीं विपक्ष इसे केवल ‘चुनावी हथकंडा’ करार दे रहा है।
