Ajey The Untold Story of a Yogi Review: “Ajey: The Untold Story of a Yogi” एक बायोपिक है जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है। फिल्म की रिलीज को लेकर लंबे समय से चर्चा और विवाद चल रहे थे। कई बार इसकी तारीख आगे बढ़ाई गई, लेकिन अब ये फिल्म 19 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। यह फिल्म योगी आदित्यनाथ के साधु जीवन से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक के सफर को दर्शाती है।
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फिल्म की पृष्ठभूमि और प्रेरणा

यह फिल्म लेखक शांतनु गुप्ता की किताब “The Monk Who Became Chief Minister” से प्रेरित है। इसे रवींद्र गौतम ने निर्देशित किया है और रितु मेंगी द्वारा सम्राट सिनेमेटिक्स के बैनर तले निर्मित किया गया है। यह न केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व की कहानी है, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा को भी दर्शाती है।
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी उत्तराखंड के शांत पहाड़ों में रहने वाले एक युवक अजय सिंह विष्ट से शुरू होती है, जो नाथपंथ की परंपरा को अपनाता है और धीरे-धीरे गोरखनाथ मठ के उत्तराधिकारी बनते हैं। वहां से शुरू होती है उनकी आध्यात्मिक जागृति और महंत अवैद्यनाथ के मार्गदर्शन में सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रिय भूमिका। इसके बाद अजय राजनीति में प्रवेश करते हैं और अपनी राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और विचारधारा के बलबूते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते हैं। फिल्म इस सफर को बारीकी से दिखाती है और दर्शकों को उनके जीवन के कई अनजाने पहलुओं से रूबरू कराती है।
कलाकारों की भूमिका
फिल्म में अनंत जोशी ने युवा अजय सिंह विष्ट की भूमिका निभाई है, जो आगे चलकर योगी आदित्यनाथ बनते हैं। उन्होंने अपने अभिनय से किरदार में जान डाल दी है। वहीं परेश रावल ने उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ का किरदार निभाया है, जो बेहद प्रभावशाली रहा। दिलीप बच्चन झा और प्रियांक दुबे द्वारा लिखी गई पटकथा भावनात्मक और प्रेरणादायक दोनों है। फिल्म में आध्यात्मिकता और देशभक्ति का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है, जो दर्शकों को जोड़कर रखता है।
फिल्म की खासियत
फिल्म दर्शकों को एक प्रेरक यात्रा पर ले जाती है, जिसमें नायक अपने सिद्धांतों, धर्म और राष्ट्र के लिए समर्पित नजर आता है। फिल्म के लोकेशंस भी बेहद प्रामाणिक हैं, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर इसकी शूटिंग की गई है। फिल्म में योगी आदित्यनाथ से जुड़े कुछ विवादित मुद्दों को टाल दिया गया है। यह पहलू उन दर्शकों को थोड़ा अधूरा लग सकता है जो एक संतुलित और निष्पक्ष दृष्टिकोण की अपेक्षा रखते हैं।
कई भाषाओं में रिलीज
फिल्म को केवल हिंदी ही नहीं बल्कि तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में भी रिलीज किया गया है, जिससे यह भारत के विभिन्न हिस्सों में व्यापक दर्शकों तक पहुंच सके।

