UP Politics: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को रामपुर में पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद पहली बार हुई है। अखिलेश यादव ने कहा कि आजम परिवार पर झूठे केस किए गए और न्याय मिलना जरूरी है।
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‘आजम खान पर गलत मुकदमे दर्ज किए गए’
अखिलेश यादव ने मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि आजम खान पर गलत मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनका कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं जेल नहीं पहुंच पाया था, इसलिए अब घर मिलने आया हूं। आजम साहब हमारी पार्टी के दरख्त हैं। 2027 में सरकार समाजवादी पार्टी की बनेगी और पीडीए की आवाज बुलंद हो रही है।”
हेलिकॉप्टर से पहुंचे सपा प्रमुख
अखिलेश यादव बुधवार सुबह लखनऊ से बरेली एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से हेलिकॉप्टर के ज़रिए रामपुर के जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में लैंड किया। यहां आजम खान ने खुद उन्हें रिसीव किया। यूनिवर्सिटी पहुंचते ही सपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला और नारेबाजी शुरू हो गई।
आजम के घर पर हुई मुलाकात, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही तैनात
अखिलेश यादव के पहुंचने से पहले ही आजम खान के आवास और जौहर विश्वविद्यालय परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात था। प्रशासन मंगलवार से ही सतर्क था। दोनों नेताओं के बीच घर पर निजी बातचीत हुई, जिसमें स्वास्थ्य और राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई।
मुलाकात को लेकर हुआ विवाद, नदवी को रोका गया
सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को रामपुर यात्रा में रोका गया। इसके पीछे वजह यह रही कि आजम खान ने साफ कहा था कि वे सिर्फ अखिलेश यादव से ही मिलेंगे। पत्रकारों के सवाल पर अखिलेश ने कहा, “ये आप क्यों तय करते हो कि कौन मिलना चाहिए?”
23 महीने बाद जेल से रिहा हुए आजम खान
आजम खान रामपुर से 10 बार विधायक, सांसद और राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं, हाल ही में लगभग 23 महीने की जेल के बाद रिहा हुए हैं। उन पर और उनके परिवार – पत्नी और बेटे – पर कई झूठे केस दर्ज किए गए हैं। अखिलेश यादव ने इसे राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि “इतने केस किसी एक परिवार पर नहीं लगे, जितने आजम साहब पर लगे हैं।”
सपा में आजम खान की अहम भूमिका
फिलहाल समाजवादी पार्टी में 107 विधायक और 37 सांसद हैं, जिनमें से 34 मुस्लिम विधायक और 4 मुस्लिम सांसद पार्टी का मजबूत मुस्लिम आधार दर्शाते हैं। आजम खान का पार्टी में कद अब भी बड़ा है और सपा का अल्पसंख्यक चेहरा उनके बिना अधूरा माना जाता है।यह मुलाकात राजनीतिक दृष्टि से अहम मानी जा रही है, खासकर 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए, जहां समाजवादी पार्टी मजबूत वापसी का दावा कर रही है।
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