Akhilesh Yadav: स्वतंत्रता दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर से दिए गए भाषण पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न सिर्फ भाजपा की विचारधारा पर सवाल उठाए बल्कि अग्निवीर योजना, संघ परिवार की सोच, और लोकतंत्र की रक्षा में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर भी बयान दिया।
“BJP ने केवल कुर्सी के लिए विचारधारा अपनाई”
अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री (संभावित रूप से योगी आदित्यनाथ की ओर इशारा) ने पूरी भाजपा को गच्चा दिया है। उन्होंने कहा,”यह न तो भाजपा के विचारधारा के सदस्य थे और न ही कभी उसे पसंद किया। इन्होंने केवल कुर्सी पर बैठने के लिए भाजपा की सदस्यता ली।”यह बयान स्पष्ट तौर पर भाजपा के अंदरूनी अंतर्विरोध और सत्ता के लिए किए जा रहे समझौतों की ओर संकेत करता है।
“संघ परिवार की विचारधारा न समाजवादी है, न धर्मनिरपेक्ष”
सपा प्रमुख ने प्रधानमंत्री के भाषण पर निशाना साधते हुए कहा,”भाजपा का जब पहला अधिवेशन हुआ था, तब उन्होंने धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी रास्ता अपनाने की बात की थी। लेकिन संघ परिवार की विचारधारा कभी भी धर्मनिरपेक्ष या समाजवादी नहीं रही।” उन्होंने संघ को मुंह से स्वदेशी, मन से विदेशी बताकर उसकी नीति और नीयत दोनों पर सवाल खड़े किए।
अग्निवीर योजना को लेकर सख्त रुख
अखिलेश यादव ने अग्निवीर योजना को समाप्त करने की बात दोहराई और कहा कि जब तक यह व्यवस्था खत्म नहीं होती, देश की सेना को मजबूती नहीं मिलेगी। “हमारी सीमाएं और फौज मजबूत होनी चाहिए, लेकिन अग्निवीर जैसी अस्थायी और अनिश्चित योजना देश की सुरक्षा को कमजोर करती है।”
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया लोकतंत्र का रक्षक
हाल में आए एक संवैधानिक फैसले का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा,”मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने कम से कम लोकतंत्र को बचाने का काम किया। भाजपा की रणनीति वोट काटने की रही है, लेकिन अब राजनीतिक दल बूथ स्तर पर अपना वोट बचा सकेंगे।”
“धार्मिक विभाजन के पीछे कुछ संगठन”
उन्होंने कहा कि कुछ संगठन अंग्रेजों द्वारा भारत को धर्म के आधार पर विभाजित करने के लिए बनाए गए थे।”हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई पैदा करने के पीछे इन्हीं संगठनों की भूमिका रही है। संघी साथियों को अपनी मूल समाजवादी और सेकुलर विचारधारा को याद करना चाहिए।”
अखिलेश यादव के तीखे बयान आगामी चुनावी माहौल को गरमा सकते हैं। जहां एक ओर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मंच से संघ की 100 वर्षों की यात्रा को गौरवपूर्ण बताया, वहीं दूसरी ओर सपा प्रमुख ने उसे देश की एकता और लोकतंत्र के लिए खतरनाक करार दिया। अग्निवीर योजना से लेकर संघ की विचारधारा तक, अखिलेश ने सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की कोशिश की है।
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