Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया का पर्व सनातन धर्म में अत्यंत महत्व रखता है। इसे ‘अखा तीज’ भी कहा जाता है, और यह पर्व खासकर धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल यह पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल, 2025 में, अक्षय तृतीया को लेकर एक असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इसे 31 मार्च को मनाया जाए या 1 अप्रैल को। यह स्थिति पंचांगों में तिथि भेद की वजह से उत्पन्न हुई है, जिसके चलते कुछ लोग 31 मार्च और कुछ लोग 1 अप्रैल को इसे मनाने का दावा कर रहे हैं।
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अक्षय तृतीया के पर्व का महत्व
धार्मिक दृष्टिकोण से अक्षय तृतीया का पर्व अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन को भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, और भगवान गणेश की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसे एक ऐसा दिन माना जाता है, जब कोई भी पुण्य कार्य आरंभ किया जाए तो उसका फल कभी समाप्त नहीं होता। इसलिए इस दिन को नए कार्य शुरू करने, निवेश करने, और शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।

कब है अक्षय तृतीया तिथि?
इस साल के मामले में स्थिति थोड़ी जटिल है। 2025 में, तृतीया तिथि 31 मार्च और 1 अप्रैल दोनों ही दिनों में पड़ रही है। लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 1 अप्रैल को मनाना उचित रहेगा। इसका कारण यह है कि तृतीया तिथि सूर्योदय काल के दौरान 1 अप्रैल को होगी और धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि तृतीया का दिन चतुर्थी युक्त होना चाहिए। इस हिसाब से, 1 अप्रैल को अक्षय तृतीया मान्य होगी। इसके अलावा, इस दिन गणगौर पर्व भी मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में मनाया जाता है।