Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा को लेकर देशभर से श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बावजूद आस्था की डोर इतनी मजबूत है कि केवल सात दिनों में ही एक लाख ग्यारह हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु जम्मू पहुंच रहे हैं, तो कई सीधे कश्मीर से ही यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं।
बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या

मंगलवार को ही 26,000 श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा में दर्शन किए, जबकि निर्धारित काफिले से केवल 7,000 लोग जम्मू से रवाना हुए थे। इससे साफ है कि बड़ी संख्या में यात्री बिना आधिकारिक काफिले के ही यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। दिल्ली से आए श्रद्धालु ने बताया कि स्वतंत्र रूप से यात्रा करना आसान और अधिक आरामदायक है, जबकि आधिकारिक काफिले में कड़े दिशा-निर्देशों और सुरक्षा प्रतिबंधों का पालन करना पड़ता है।
सुरक्षा बलों तैनाती
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस बार की अमरनाथ यात्रा में अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा तैनाती देखी जा रही है। घाटी पहले से ही सुरक्षा बलों की मौजूदगी से भरी है, फिर भी 600 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की कंपनियां यात्रा ड्यूटी के लिए तैनात की गई हैं। जम्मू से प्रतिदिन लगभग 7,000 श्रद्धालु निर्धारित काफिलों के जरिए आधार शिविरों तक पहुंच रहे हैं। इन काफिलों के साथ बड़ी संख्या में सुरक्षा बल मौजूद रहते हैं।
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन का प्रयास है कि अधिक से अधिक श्रद्धालु सुरक्षित यात्रा करें और जम्मू से काफिलों के जरिए रवाना हों। अब तक जम्मू से 8 जत्थे रवाना हो चुके हैं, जिनमें 55,382 श्रद्धालु शामिल हैं। यात्रियों की आस्था और उत्साह ने पहलगाम हमले की छाया को पीछे छोड़ दिया है। लोग अब निडर होकर सीधे कश्मीर पहुंचकर अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं।
दिल्ली से आए अमित अपने पांच दोस्तों के साथ चंदनवाड़ी से अमरनाथ गुफा तक की 30 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा की तैयारी में हैं। वे बताते हैं कि काफिले से बाहर यात्रा करने पर उन्हें न सिर्फ आज़ादी महसूस होती है, बल्कि कश्मीर की खूबसूरती को नजदीक से देखने का अवसर भी मिलता है।

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