Amarnath Yatra 2025: श्री अमरनाथ यात्रा इस साल 3 जुलाई को शुरु की गई थी और इसी के चलते इसमें पहले ही 6 दिनों के अंदर अब तक 1.11 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन भी कर चुके हैं। वहीं आज यानी 9 जुलाई बुधवार की बात करें तो जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से 7,579 श्रद्धालुओं का जत्था दर्शन के लिए भेजा गया है. इसी के साथ आपको बता दें कि आज दो अलग-अलग जत्थे भेजे गए हैं जिनमें पहले में 3,031 यात्री के साथ 133 वाहन थे जो कि 3:25 बजे बालटाल बेस कैंप से निकला। वहीं दूसरी ओर दूसरा जत्था जिसमें 4,548 यात्री थे और उसमें 169 वाहन शामिल थें, जो कि सुबह 3:40 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना किया गया है।
24 घंटे में भारी बारिश के आसार…
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) के अनुसार, जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से यात्रा शुरू करने वाले श्रद्धालुओं के अलावा कई भक्त सीधे बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप पहुंचकर ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं और यात्रा में शामिल हो रहे हैं। इस दौरान मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के भीतर जम्मू-कश्मीर में बारिश, कहीं-कहीं तेज़ बौछारें और गरज-चमक की संभावना जताई है। इसके बावजूद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधाओं में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
अब तक 4 लाख श्रद्धालु कर चुके हैं आवेदन…

बताते चलें कि, अब तक लगभग चार लाख श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं, जिससे लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। यह पवित्र यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर शांतिपूर्वक और व्यवस्थित रूप से जारी है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी लगातार व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। ये यात्रा 3 जुलाई से शुरु की गई थी जो कि अब 38 दिनों तक चलेगी।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए दो मार्ग…

आपको बता दें कि, ये पवित्र गुफा 3888 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है जहां भक्त दो रास्ते की मदद से पहुंच सकते हैं जो कि पहलगाम और बालटाल हैं। पहले मार्ग यानी पहलगाम की बात करें तो यहां से यात्री यहां यात्रा करने वाले श्रद्धालु चंदनवारी, शेषनाग और पंचतरणी से होते हुए करीब 46 किलोमीटर की दूरी तय कर चार दिनों में गुफा तक पहुंचते हैं। इसके साथ ही बालटाल मार्ग से जाने वालों को 14 किलोमीटर पैदल चलकर एक ही दिन में दर्शन कर श्रद्धालु बेस कैंप वापस आ जाते हैं। बता दें कि, इस साल लोगो के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध नहीं है।