Nepal Political Ccrisis: नेपाल इस समय गंभीर राजनीतिक संकट और व्यापक जनआंदोलन की चपेट में है। सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ विरोध अब व्यापक भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनआंदोलन में बदल चुका है। इसी बीच देश में अंतरिम प्रधानमंत्री के चयन को लेकर बड़ी हलचल हो रही है। सेना, Gen-Z आंदोलनकारियों और पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की सहित सात प्रमुख प्रतिनिधियों की एक बैठक में कुलमन घिसिंग का नाम अंतरिम पीएम पद के लिए सामने आया है।
कौन हैं कुलमन घिसिंग?
कुलमन घिसिंग एक प्रसिद्ध इंजीनियर और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं। उन्हें देशभर में तब खासी लोकप्रियता मिली जब उन्होंने 2016 से 2020 के कार्यकाल में नेपाल से लोडशेडिंग यानी बिजली कटौती को लगभग समाप्त कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने बिजली चोरी पर भी सख्त नियंत्रण लगाया। उनकी कार्यशैली, पारदर्शिता और तकनीकी विशेषज्ञता के चलते उन्हें एक ईमानदार और निष्ठावान अफसर के रूप में देखा जाता है। उनके कार्यकाल को नेपाल के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाने वाला दौर माना जाता है।
युवाओं में लोकप्रिय चेहरा
Gen-Z आंदोलनकारियों के एक वर्ग ने जब अंतरिम पीएम के लिए नाम सुझाए, तो कुलमन घिसिंग का नाम सबसे प्रमुखता से सामने आया। सोशल मीडिया पर उनकी साफ छवि और तकनीकी दक्षता के चलते युवा वर्ग उन्हें भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ एक ‘मसीहा’ की तरह देख रहा है। नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुलमन घिसिंग को पहले ही ‘देशभक्त टेक्नोक्रेट’ का खिताब मिल चुका है। उन्हें नेपाल के दूरदराज क्षेत्रों तक बिजली पहुंचाने, डिजिटल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने और एनईए को घाटे से उबारने जैसे अहम कार्यों के लिए जाना जाता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं, लेकिन भरोसे का नाम
दिलचस्प बात यह है कि कुलमन घिसिंग की कोई पारंपरिक राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है। लेकिन मौजूदा समय में जब जनता, खासकर युवा वर्ग, राजनीति से मोहभंग महसूस कर रहा है, तब एक गैर-राजनीतिक लेकिन योग्य और साफ छवि वाले नेता की मांग उठ रही है। यही वजह है कि उनका नाम सामने आते ही कई हलकों में समर्थन मिल रहा है।
क्यों ज़रूरी है अंतरिम पीएम का चयन?
नेपाल के मौजूदा हालात बेहद संवेदनशील हैं। सोशल मीडिया बैन, बेरोज़गारी, महंगाई और सरकारी भ्रष्टाचार के विरोध में हुए प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद राजनीतिक शून्यता बनी हुई है। ऐसे में एक विश्वसनीय और स्थिर नेतृत्व की तलाश तेज हो गई है। यदि कुलमन घिसिंग को अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर चुना जाता है, तो यह नेपाल की राजनीति में एक नई शुरुआत हो सकती है जहां योग्यता, ईमानदारी और जनविश्वास को प्राथमिकता दी जाएगी। फिलहाल, उनकी उम्मीदवारी पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उन्हें जनता के एक बड़े वर्ग का समर्थन प्राप्त है।
Read More : Nepal-Bihar सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट,नेपाल से फरार कैदियों की भारत में घुसने की संभावना!
