Amit Shah Durga Puja: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल की दुर्गा पूजा के माहौल में इस बार राजनीतिक रंग भी गहरा नजर आया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कोलकाता के प्रतिष्ठित संतोष मित्र स्क्वायर में दुर्गा पूजा का उद्घाटन किया और माँ दुर्गा से प्रार्थना की कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बने, जिससे ‘सोनार बांग्ला’ का निर्माण संभव हो सके।
“माँ से किया प्रार्थना, बंगाल में बने BJP सरकार”
शाह ने पूजा मंच से कहा “मैंने माँ से प्रार्थना की है कि इस बार बंगाल में एक ऐसी सरकार बने जो राज्य को सुरक्षित, समृद्ध, शांतिपूर्ण और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की दिशा में काम करे।” उन्होंने बंगाल की सांस्कृतिक गरिमा, परंपरा और अस्मिता को भी अपने संबोधन में प्रमुखता से उठाया।
विद्यासागर को किया स्मरण
अमित शाह ने अपने भाषण में महान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर को याद करते हुए कहा, “विद्यासागर जी ने न केवल बंगाल, बल्कि पूरे देश में शिक्षा और विशेष रूप से महिला शिक्षा के लिए जो योगदान दिया, वह अतुलनीय है। उनकी शिक्षाएं आज भी हमारे मार्गदर्शक हैं।” उन्होंने कहा कि विद्यासागर ने अपने जीवन को बंगाल की संस्कृति, व्याकरण और समाज सुधार के लिए समर्पित कर दिया।
सांस्कृतिक मंच पर सियासी संदेश
पूजा उद्घाटन के इस मौके पर शाह ने पंडाल का भ्रमण किया, पूजा और आरती में भाग लिया तथा पूजा थीम पर आधारित ऑडियो-विज़ुअल भी देखा। लेकिन यह केवल एक सांस्कृतिक उपस्थिति नहीं रही, बल्कि बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को भी साथ लेकर आई। शाह ने कहा कि राज्य को बदलने की जरूरत है और बीजेपी ही वह विकल्प है जो बंगाल को एक बार फिर गौरवशाली रास्ते पर ला सकती है।
छह साल पहले की ‘पापक्षय’ की भरपाई?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि शाह की यह पहल 2019 में विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने के विवाद के बाद एक तरह की “पुनर्परिचय” या “पुनर्प्रायश्चित” की कोशिश भी हो सकती है। बीजेपी उस समय आलोचना के घेरे में आ गई थी और इस बार पूजा मंच से विद्यासागर की भूरि-भूरि प्रशंसा कर शाह ने एक सियासी संकेत दिया है। बंगाल में दुर्गा पूजा न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सांस्कृतिक चेतना का केंद्र भी है। ऐसे में अमित शाह की मौजूदगी और उनके भाषण ने इस उत्सव को राजनीतिक रंग दे दिया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह बीजेपी की रणनीतिक तैयारी का एक हिस्सा भी माना जा रहा है। माँ दुर्गा की आराधना के साथ-साथ अब बंगाल की राजनीति भी नई करवट लेने को तैयार दिख रही है।
