Amit Shah on Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर अमित शाह का बड़ा बयान, विपक्ष के आरोपों को बताया बेबुनियाद

Aanchal Singh
Amit Shah on Jagdeep Dhankhar
Amit Shah on Jagdeep Dhankhar

Amit Shah on Jagdeep Dhankhar: देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर बढ़ती अटकलों पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार (25 अगस्त 2025) को पहली बार प्रतिक्रिया दी है. अमित शाह ने स्पष्ट किया कि जगदीप धनखड़ ने केवल स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है. साथ ही उन्होंने विपक्ष के नजरबंद किए जाने के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया.

Read More: Amit Shah News: “जेल से देश नहीं चला सकते,130वें संविधान संशोधन विधेयक पर अमित शाह का बड़ा बयान

अमित शाह का बयान

न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, “जगदीप धनखड़ साहब का इस्तीफा अपने आप में स्पष्ट है. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ा और अपने कार्यकाल में मिले समर्थन के लिए प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सरकार का आभार व्यक्त किया है।”

नजरबंदी के दावे पर शाह का पलटवार

जब गृहमंत्री से विपक्ष के नजरबंद किए जाने के दावे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “सच और झूठ की व्याख्या केवल विपक्ष के बयानों पर आधारित नहीं हो सकती. जगदीप धनखड़ ने संवैधानिक पद पर रहते हुए संविधान के अनुरूप अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. निजी स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देना उनका अधिकार है। इस मुद्दे को बेवजह तूल नहीं देना चाहिए।”

विपक्ष का आरोप, सरकार ने दबाव बनाया

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ-साथ उन्हें चुप कराने की बात सामने आई है.

राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 20 अगस्त को बयान दिया, “हम मध्यकालीन दौर में लौट रहे हैं, जब राजा अपनी मर्जी से किसी को भी हटा सकता था. लोकतांत्रिक मूल्यों को दरकिनार किया जा रहा है. पहले ईडी का डर दिखाया जाता है और फिर निर्वाचित प्रतिनिधियों को हटाया जाता है।” राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि आखिर अचानक नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की जरूरत क्यों पड़ी।

21 जुलाई को दिया था इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहले इस्तीफा दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी चिट्ठी में लिखा कि वह अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं और डॉक्टरों की सलाह का पालन करेंगे। इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण ने सदन की कार्यवाही संभाली।

Read More: PM Modi visit: 5477 करोड़ की विकास योजनाओं के साथ गुजरात पहुंचे मोदी, देखें पूरी लिस्ट

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version