केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने गांधी जयंती के अवसर पर खादी और स्वदेशी आंदोलन की ऐतिहासिक और वर्तमान महत्ता पर जोर देते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने न केवल भारत की आत्मा को पहचाना, बल्कि अंग्रेजों के खिलाफ एक प्रभावशाली जन आंदोलन की नींव भी रखी। गांधीजी द्वारा शुरू किया गया खादी और स्वदेशी का आंदोलन आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना स्वतंत्रता संग्राम के समय था।
“स्वतंत्रता आंदोलन को खादी और स्वदेशी से अलग नहीं किया जा सकता”
अमितशाह ने अपने संबोधन में कहा महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजी मिलों के बाजार से निकालकर स्वदेशी के आत्मबल की और मोड़ा । उन्होंने खादी को सिर्फ एक वस्त्र नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनाया। उस दौर में विदेशी कपड़ो पर निर्भर था और महात्मा गांधी ने चरखे और खादी के जरिए देश को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।
“मोदी ने खादी को फिर से लोकप्रिय बनाया”
अमित शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि लंबे समय तक खादी और स्वदेशी आंदोलन को भुला दिया गया था, लेकिन 2003 में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए खादी को पुनर्जीवित करने का बड़ा अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, खादी के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अमित शाह ने कहा “आज खादी का कारोबार 1.7 अरब तक पहुंच गया है, जो कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि है” ।
खादी: सिर्फ कपड़ा नहीं, आत्मनिर्भर भारत की पहचान
अमित शाह ने यह भी कहा कि खादी अब एक फैशन स्टेटमेंट बन चुकी है। नई पीढ़ी इसे गर्व से पहन रही है और यह बदलाव आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि खादी पहनना सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि देश के प्रति जिम्मेदारी और समर्थन का प्रतीक बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ विज़न की सराहना
अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की भी सराहना की और कहा कि यह गांधीजी के स्वदेशी विचार को आधुनिक संदर्भ में आगे बढ़ाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हर भारतीय खादी और स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर देश की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान को मजबूती दें। महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया खादी आंदोलन, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को जन-जन तक पहुंचाया, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत कर रहा है। अमित शाह के अनुसार, यह न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में भी एक बड़ी उपलब्धि है।
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