Anil Ambani CFO Arrest: अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप को उस समय बड़ा झटका लगा जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस पावर के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी लगभग 68.2 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी घोटाले से जुड़ी है। ED की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब कंपनी के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही थी।
रातभर चली पूछताछ के बाद गिरफ्तारी
ईडी सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार रात को दिल्ली स्थित ऑफिस में अशोक पाल से घंटों पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। शनिवार (11 अक्टूबर 2025) को ईडी की टीम ने उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया, जहां उनकी कस्टडी रिमांड की मांग की गई।
किस मामले में हुई गिरफ्तारी?
यह मामला सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को दी गई फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ा है। आरोप है कि अनिल अंबानी की कंपनियों – रिलायंस न्यू बीईएसएस लिमिटेड और महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड – की ओर से SECI को फर्जी बैंक गारंटी सौंपी गई थी।
ईडी को संदेह है कि इस फर्जीवाड़े में अशोक पाल की सीधी भूमिका रही है। वह रिलायंस पावर में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी हैं और पिछले 7 वर्षों से कंपनी से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि वह अनिल अंबानी के बेहद करीबी सहयोगी हैं।
ओडिशा की कंपनी से जुड़ा तार
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि फर्जी बैंक गारंटी ओडिशा की कंपनी बिस्वाल ट्रेडलिंक के जरिए तैयार की गई थी। इस कंपनी के डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को अगस्त 2025 में गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्थ ने इस गारंटी के बदले 8% कमीशन लिया था। जांच में सामने आया है कि करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन फर्जी ट्रांसपोर्ट बिलों के जरिये किए गए, और इन भुगतानों की मंजूरी के लिए वॉट्सऐप व टेलीग्राम जैसे ऐप्स का इस्तेमाल हुआ ताकि कंपनी के ऑफिशियल रिकॉर्ड में यह दर्ज न हो।
शेयर बाजार में रिलायंस पावर की जबरदस्त छलांग
ED की कार्रवाई से पहले, शुक्रवार को रिलायंस पावर के शेयरों में 13% की तेजी देखी गई। 9 अक्टूबर 2020 को 2.75 रुपए पर ट्रेड कर रहे शेयर 10 अक्टूबर 2025 को बढ़कर ₹50.70 पर पहुंच गए। यानी, 5 सालों में 1670% की बढ़त। हालांकि CFO की गिरफ्तारी के बाद बाजार में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।रिलायंस ग्रुप पहले से ही आर्थिक दबावों से गुजर रहा है, और अब CFO की गिरफ्तारी से कंपनी की छवि पर और असर पड़ सकता है। फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में अनिल अंबानी के करीबियों की गिरफ्तारी से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या इस घोटाले की परतें और भी गहराई तक जाएंगी?
