Mayurbhanj Gangrape : ओडिशा एक बार फिर दिल दहला देने वाली दुष्कर्म की घटना से सन्न है। मयूरभंज जिले में एक 22 वर्षीय युवती ने पांच लोगों पर सामूहिक बलात्कार का गंभीर आरोप लगाया है। यह घटना राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को और गहरा करती है। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि शुक्रवार शाम को दो परिचित युवकों ने उसे नौकरी के सिलसिले में बातचीत करने के बहाने बंगरीपोसी इलाके से कार में बुलाया। इसके बाद रास्ते में तीन और युवक उस कार में सवार हो गए। पांचों आरोपियों ने मिलकर युवती को जबरन उसके घर से करीब 80 किलोमीटर दूर एक सुनसान इलाके में ले गए, जो उदाला और बालासोर के बीच स्थित है।
उदाला के एसडीपीओ ऋषिकेश नायक के अनुसार, पीड़िता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकी तीन की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। पीड़िता ने बताया कि बलात्कार के बाद आरोपी उसे सड़क पर छोड़कर फरार हो गए।
पुलिस कर रही है गहन जांच
एसडीपीओ नायक ने कहा, “हम पीड़िता के बयान के आधार पर साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं और आरोपियों की धरपकड़ में जुटे हैं। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।” यह मामला तब सामने आया है जब कुछ ही दिन पहले बालासोर जिले में एक युवती के साथ छह महीने तक सामूहिक बलात्कार का मामला उजागर हुआ था। उस पीड़िता ने बताया था कि उसे फरवरी 2024 में अगवा कर मयूरभंज जिले के बारीपदा इलाके में रखा गया, जहां कई युवकों ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया।
लगातार बढ़ रहे हैं दुष्कर्म के मामले
ओडिशा में हाल के महीनों में बलात्कार और महिला उत्पीड़न के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। इन घटनाओं ने राज्य प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मयूरभंज और बालासोर जैसे जिलों में बार-बार सामने आ रही ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाना अब और टाला नहीं जा सकता।
क्या कहती है सरकार?
हालांकि राज्य सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका क्रियान्वयन सवालों के घेरे में है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि केवल कानून बनाना काफी नहीं, जब तक कि उनका सख्ती से पालन और त्वरित न्याय न मिले।ओडिशा के मयूरभंज में हुई यह शर्मनाक घटना न केवल मानवता को झकझोरने वाली है, बल्कि यह प्रशासन और समाज दोनों के लिए एक चेतावनी है। अब वक्त है कि दोषियों को कड़ी सजा देकर एक सख्त संदेश दिया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
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