सहरसा संवाददाता- शिवकुमार
Saharsa: सहरसा देश को ‘पढ़ाई कमाई दवाई’ का नारा देने वाले और युवाओं के बीच एक मजबूत पहचान बना चुके ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कोसी क्षेत्र के पांच अभिशापों के खिलाफ जना- आंदोलन छेड़ने की घोषणा कर दी है। बढ़ता नशा, भीषण बेरोजगारी, बदतर शिक्षा स्वास्थ्य, भूमि विवाद एवं बाढ़ आपदा को अनुपम ने कोसी के पंच-अभिशाप बताया है। इस पंच-अभिशाप का निदान किए बिना अपने बच्चों का भविष्य और हमारा समाज सुधारा नहीं जा सकता है। दिक्कत है कि यह अति आवश्यक काम किसी नेता या पार्टी के बस का नहीं रहा। सरकार बदल भी जाए तो परिस्थितियां नहीं बदलती हैं।

आम जनता पिछड़ापन और पलायन की मार झेलने को अभिशप्त हो गयी है। हाल ये है कि दिल्ली पंजाब से लेकर देश के हर शहर के लेबर चौक पर सबसे ज्यादा बिहार के लोग ही पाए जाते हैं। खासकर कोसी क्षेत्र तो देश का लेबर सप्लायर जोन बन चुका है और हम लोगों को सम्मान से नहीं बल्कि हीन भावना से देखा जाता है। इसलिए इस अभिशाप से मुक्ति के लिए व्यापक जन आंदोलन की जरूरत है। ज्ञात हो कि गत वर्ष अनुपम ने बिहार की प्रदेशव्यापी यात्रा की थी। हर जिले में व्यापक स्तर पर जनसंपर्क और संवाद किया था। उसी यात्रा से सीखने समझने के आधार पर पांच अभिशापों की पहचान की गयी है।
महिला पुरुष युवा बुजुर्ग समेत हर वर्ग की हिस्सेदारी
अनुपम ने कहा कि इन अभिशापों से मुक्ति आज हर नागरिक का धर्म होना चाहिए। अगर हम स्वयं इस पंच-अभिशाप को मिटाने का बीड़ा नहीं उठाएंगे तो बस सरकार को दोष देकर भी क्या फायदा इसलिए ज़रूरत है। आज एक ऐसे जनांदोलन की जिसमें जाति मजहब और पार्टी से ऊपर उठकर पूरा समाज एकजुट हो जाए। महिला पुरुष युवा बुजुर्ग समेत हर वर्ग की हिस्सेदारी हो। अनुपम ने कहा कि यह काम आसान तो नहीं, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। इस मुहिम को लेकर जिस तरह का उत्साह और समर्थन आम जनता में दिख रहा है, वह अद्भुत और ऐतिहासिक है। हर तरफ लोग अपने मतभेद भुलाकर, जाति धर्म और पार्टी के बंधनों से मुक्त होकर पंच-अभिशाप को मिटाने का प्रण ले रहे हैं।
read more: गेस्ट हाउस में काम करने वाले नौकर को बेरहमी से पीटा…
2 अक्टूबर को होगा आंदोलन

राष्ट्रीय युवा नेता अनुपम ने कहा कि इसी आंदोलन की पहली कड़ी में आगामी 2 अक्टूबर को सुपौल के गांधी मैदान में ऐतिहासिक महापंचायत होने जा रही है। पंच-अभिशाप के तौर पर अनुपम ने जो पांच सवाल उठाए हैं, वो लोगों की भावनाओं से जुड़े सवाल हैं। उनके बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ सवाल है इसलिए क्षेत्र के लोग खुद इस महापंचायत को सफल बनाने की तैयारी में जी जान से जुट गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि महात्मा गाँधी हमेशा अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर फैसले लेने की बात कहते थे। आज विकास की कतार में बिहार सबसे पीछे खड़ा है और बिहार के अंदर सबसे पीछे खड़ा है कोसी सीमांचल का इलाका। गाँधी जी के दिए गए कसौटी को ध्यान में रखते हुए 2 अक्टूबर को सबसे अंतिम पायदान पर धकेल दिए गए कोसी क्षेत्र से आंदोलन का शंखनाद होगा।
read more: हाथ में लट्ठ लेकर अधिवक्ताओं का प्रदर्शन, पुलिस को लट्ठ दिखाकर दी चेतावनी
गाँधी मैदान में कोसी महापंचायत का आयोजन

आंदोलन के शुभारंभ के लिए 2 अक्टूबर को सुपौल के गाँधी मैदान में कोसी महापंचायत का आयोजन होगा। यह महापंचायत किसी राजनीतिक पार्टी का कार्यक्रम नहीं है। यह समाज सुधार और राष्ट्र निर्माण की पावन मुहिम है। इस मुहिम में कोसी के नागरिकों को देश के प्रबुद्ध और कद्दावर हस्तियों का साथ भी मिल रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ देश की सबसे बुलंद आवाज़ अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एडवोकेट प्रशांत भूषण और भारत के सूचना आयुक्त रहे सेवानिवृत्त आईपीएस यशोवर्धन झा आज़ाद जैसे कई गणमान्य अतिथि भी 2 अक्टूबर को सुपौल पहुँचेंगे।