Anxiety disorder: एंग्जायटी से राहत पाने के लिए आज़माएं ये 3 आसान एक्सरसाइज, WHO की रिपोर्ट में भी चिंता बढ़ने की पुष्टि…

Mona Jha
Anxiety disorder
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Anxiety disorder: एंग्जायटी एक आम समस्या है जो कि किसी को भी हो सकती है, फिर चाहें वो परिस्थिति कैसी भी क्यों न हो। मेडिकल भाषा में इसे एक सामान्य मानसिक स्थिति के नाम से जाना जाता है. ऐसे में अगर एंग्जायटी काफी समय तक किसी के ज़हन में रह जाती है तो ये समस्या पैदा कर देती है। इससे एंग्जायटी डिसऑर्डर में बदलने की संभावना बढ़ जाती है।

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WHO की इस पर क्या है राय…

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक साल 2019 में लगभग 301 मिलियन लोग एंग्जायटी का शिकार थे, जो कि पूरी दुनियाभर की आबादी का 4.05% है। WHO का मानना है कि कोरोना के समय एंग्जायटी के मामलो में 25% बढोतरी हुई।

एंग्जायटी के मुख्य लक्षण…

एंग्जायटी के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। एंग्जायटी होने पर सांस से जुड़ी समस्यां अधिक मात्रा में होती है। जिससे की हर वक्त ये महसूस होता रहता है कि सांस लेने में मुश्किल हो रही है। इसके लिए बहुत से तरीके हैं, जिसमें सांस वाली एक्सरसाइज करना सबसे फायदेमंद माना जा सकता है। ये चिंता के लक्षणों को कंट्रोल करने के मन भी शांत रखता है। एंग्जायटी को कम करने के लिए करनी चाहिए ये एक्सरसाइज…

एंग्जायटी में सांस के लिए जान लें ये एक्सरसाइज…

होंठ बंद करके सांस लेना

होठ बंद करके सांस लेना एंग्जायटी की समस्या को काफी हद तक कम करने में सहायक मानी जा सकता है, इसका तरीका ये होता है कि लगभग 2 सेकंड के लिए अपनी नाक से सांस लें, फिर 4 सेकंड के लिए धीरे-धीरे अपने होठों से सांस छोड़ें।

डायाफ्रामिक श्वास

इस श्वास को करने का तरीका ये होता है कि सबसे पहले आप अपने आराम अवस्था में बैठ या लेट जाएं और एक हाथ अपनी छाती पर दूसरा पेट पर रख लें, नाक से गहरी सांस गहरी सांस लेने का प्रयास करें और इस बात को भी कंफर्म करें कि आपका पेट आपकी छाती से ज़्यादा ऊपर उठ पाए। होंठों को सिकोड़कर धीरे-धीरे सांस ले, इससे पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करने और हार्ट रेट को कम करने में सहायक होगा।

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बॉक्स ब्रीदिंग

नाक से 4 सेकंड तक सांस लें। 4 सेकंड के लिए सांस रोकें। फिर 4 सेकंड तक मुंह से सांस छोड़ें। फिर 4 सेकंड के लिए सांस को रोकें। इसे 5-10 मिनट तक दोहराएं। यह टेक्निक फोकस और मानसिक स्थिरता को बढ़ाती है।

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