Apara Ekadashi 2025 : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ती है। ऐसे साल में कुल 24 एकादशी का व्रत किया जाता है।
पंचांग के अनुसार अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के नाम से जाना जा रहा है, जो कि आज यानी 23 मई दिन गुरुवार को मनाई जा रही है।
इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से सभी पापों का समाधान हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अपरा एकादशी को अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से जीवन की समस्याओं का समाधान हो जाता है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अपरा एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं।

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एकादशी पूजा का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार अपरा एकादशी तिथि का आरंभ 22 मई दिन बुधवार को रात 8 बजकर 20 मिनट से हो चुका है और इस तिथि का समापन 23 मई दिन गुरुवार को रात 10 बजकर 30 मिनट पर हो जाएगा। व्रत पारण द्वादशी तिथि यानी 24 मई दिन शुक्रवार को सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट के बीच किया जा सकता है। पूजन का शुभ मुहूर्त 23 मई को सूर्योदय से लेकर दिनभर करना शुभ माना जाएगा।
पूजा की सरल विधि
अपरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर घर या मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं। अब पीले पुष्प, तुलसी दल, पंचामृत और पीले भोग अर्पित करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। इसके बाद व्रत कथा का पाठ कर आरती करें। दिनभर फलाहार या निर्जला व्रत रखें। दिनभर व्रत के नियमों का पालन करें। अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण करें और गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न धन का दान दें।

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