Aparna Yadav News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की मां अंबी बिष्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप में FIR दर्ज की गई है। यह मामला जानकीपुरम की प्रियदर्शिनी भूखंड योजना में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। अंबी बिष्ट के अलावा लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पांच तत्कालीन अधिकारियों को भी इस केस में आरोपी बनाया गया है।
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क्या है पूरा मामला?
2016 में इस मामले की जांच का आदेश दिया गया था। उस वक्त शासन ने भूखंड आवंटन और पंजीकरण में अनियमितताओं की पूरी जांच कराने का निर्देश दिया था। जांच के दौरान लिपिक मुक्तेश्वर नाथ ओझा की भूमिका की भी पड़ताल हुई, जिससे मामला और भी व्यापक हो गया। अब इस मामले में अंबी बिष्ट समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जो जानकीपुरम की भूखंड योजना में अनियमितताओं और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में हुई है।
आरोपी कौन-कौन हैं?
अंबी बिष्ट, जो उस समय एलडीए की संपत्ति अधिकारी थीं, पर विशेष रूप से भ्रष्टाचार का आरोप है। इसके अलावा निम्नलिखित अधिकारी भी नामजद हैं—
वीरेंद्र सिंह, तत्कालीन अनुभाग अधिकारी
देवेंद्र सिंह राठौर, तत्कालीन उप सचिव
सुरेश विष्णु महादाणे, तत्कालीन वरिष्ठ कास्ट अकाउंटेंट
शैलेंद्र कुमार गुप्ता, तत्कालीन अवर वर्ग सहायक
आरोपों का विवरण
जांच में सामने आया कि अंबी बिष्ट और अन्य चार अधिकारियों ने आपस में मिलीभगत कर जानकीपुरम की प्रियदर्शिनी भूखंड योजना में भारी हेराफेरी की। उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और योजना के नियमों का उल्लंघन कर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया। इनके इस कृत्य से एलडीए की एक बड़ी परियोजना की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे थे।
मामले की गंभीरता
जानकीपुरम भूखंड योजना में हुए इस घोटाले ने प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर सनसनी फैला दी थी। भ्रष्टाचार की यह घटना एलडीए की विश्वसनीयता पर भी बट्टा लगाती है। 2016 में जांच के आदेश के बाद से यह मामला चर्चा में रहा, लेकिन अब FIR दर्ज होने के साथ आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
आगे की प्रक्रिया
FIR दर्ज होने के बाद अब जांच एजेंसियां मामले की गहराई से जांच करेंगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस केस में न्यायिक प्रक्रिया शुरू होने से प्रभावित अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि भ्रष्टाचार में शामिल सभी दोषी व्यक्तियों को कानून के अनुसार सजा मिले।
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